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जब उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पेड़ों को दिलवाया 'मुआवजा', वन विभाग से कराया अनोखा वादा

नैनीताल ने राज्‍य के वन विभाग से कहा है क‍ि वह वादा करे कि बनाने के लिए जो 1,600 से ज्‍यादा साल के पेड़ गिराए जाने हैं उनकी जगह साल के दू...

नैनीताल ने राज्‍य के वन विभाग से कहा है क‍ि वह वादा करे कि बनाने के लिए जो 1,600 से ज्‍यादा साल के पेड़ गिराए जाने हैं उनकी जगह साल के दूसरे पौधे लगेंगे। ये पेड़ में काटे जाएंगे। कहा जा रहा है कि इस एक्‍सप्रेस वे के चलते देहरादून और दिल्‍ली के बीच लगने वाला समय आधे से भी कम हो जाएगा। चीफ जस्टिस आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की बेंच जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। इनमें राजाजी नेशनल पार्क पर इस छह लेन के एक्‍सप्रेस वे की वजह से पड़ने वाले असर पर चिंता जताई गई थी। दावा किया जा रहा है कि इस एक्‍सप्रेस वे से दिल्‍ली से देहरादून की यात्रा पांच की जगह दो घंटे में पूरी हो जाया करेगी। 3.4 किलोमीटर में ज्‍यादा आशंकापर्यावरणविदों ने गणेशपुर (यूपी) और देहरादून के बीच होकर गुजरने वाले इस एक्‍सप्रेस वे के 19.7 किलोमीटर के हिस्‍से से जुड़ी आशंकाओं उठाई थीं। एक्‍सप्रेस वे का यह पूरा हिस्‍सा जंगल के बीच से गुजरने वाला है। इसमें अधिकांश यूपी से गुजरेगा लेकिन 3.4 किलोमीटर का टुकड़ा ईको सें‍सटिव जोन और शिवालिक पहाड़ों के रिजर्व जंगल से निकलेगा। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने कोर्ट को बताया कि उनकी योजना है कि उत्‍तराखंड से गुजरने वाले एक्‍सप्रेस वे के इस हिस्‍से को ऐलेवेटिड रोड़ की तरह खंभों पर बनाया जाए ताकि कम पेड़ काटने पड़ें। कटेंगे कम से कम 1,622 पेड़ जनहित याचिका दायर करने वाले एक शख्‍स के वकील अभ‍िजय नेगी का कहना था कि भले ही एनएचएआई एलेवेटिड रोड बनाए तब भी 1,622 साल के पेड़ काटने पड़ेंगे। वकील का तर्क था कि इससे जंगल की पारिस्थितिकी पर असर पड़ेगा क्‍योंकि साल के पेड़ बड़ी मुश्किल से उगते हैं। अदालत ने मांगा ब्‍यौराअदालत ने वन विभाग को निर्देश दिया है कि वह बताए कि राजाजी नेशनल पार्क में कितने साल के पेड़ हैं, इसके अलावा पेड़ों का फिर से रोपण करने का ब्‍यौरा भी दिया जाए। साथ ही यह भी बताया जाए कि इन्‍हें किस जगह लगाया जाएगा और अगले दस वर्षों तक इनकी देखभाल की जिम्‍मेदारी किसकी होगी। कोर्ट ने वन विभाग से यह भी पूछा है कि क्‍या ये पेड़ आसानी से उगाए जा सकते हैं या इनकी जगह किस प्रजाति के पेड़ लगाना फायदेमंद होगा। वन विभाग से कहा है कि वह 21 सितंबर तक अपना जवाब दे।


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