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UPSC पास कर घर लौटा लला, चूमकर खुशी से रोने लगी बूढ़ी नानी, तिलक लगाकर 500 रुपये का दिया नेग, देखें तस्वीरें

भिंड के बीहड़ इलाका कभी डाकुओं का ठिकाना होता था। अब बीहड़ के इन गांवों से पढ़ लिखकर अफसर निकलते हैं। बीहड में बसे गोरम गांव के विकास सेथिया...

भिंड के बीहड़ इलाका कभी डाकुओं का ठिकाना होता था। अब बीहड़ के इन गांवों से पढ़ लिखकर अफसर निकलते हैं। बीहड में बसे गोरम गांव के विकास सेथिया ने यह साबित कर दिखाया है। विकास सेथिया ने यूपीएससी में 642वीं रैंक हासिल कर गांव और जिले का नाम रोशन किया है। विकास सेथिया ने शुरुआती पढ़ाई लिखाई गांव के शासकीय स्कूल से की थी। यूपीएससी में सफल होने के बाद विकास रविवार को पहली बार परिवार के पास लौटे। इस दौरान भावुक कर देने वाला पल देखने को मिला। विकास सेथिया की बूढ़ी नानी खुशी से रोने लगी।

यूपीएससी में सफल होने के बाद छात्रों से ज्यादा खुशी परिवार को होती है। भिंड जिले एक किसान के बेटे ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है। इसके बाद परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है। सफलता हासिल करने का बाद रविवार को जब पहली बार लड़का लौटा तो घर में उत्सव मनाया गया।


UPSC पास कर घर लौटा लला, चूमकर खुशी से रोने लगी बूढ़ी नानी, तिलक लगाकर 500 रुपये का दिया नेग, देखें तस्वीरें

भिंड के बीहड़ इलाका कभी डाकुओं का ठिकाना होता था। अब बीहड़ के इन गांवों से पढ़ लिखकर अफसर निकलते हैं। बीहड में बसे गोरम गांव के विकास सेथिया ने यह साबित कर दिखाया है। विकास सेथिया ने यूपीएससी में 642वीं रैंक हासिल कर गांव और जिले का नाम रोशन किया है। विकास सेथिया ने शुरुआती पढ़ाई लिखाई गांव के शासकीय स्कूल से की थी। यूपीएससी में सफल होने के बाद विकास रविवार को पहली बार परिवार के पास लौटे। इस दौरान भावुक कर देने वाला पल देखने को मिला। विकास सेथिया की बूढ़ी नानी खुशी से रोने लगी।



कॉलोनी में मना उत्सव
कॉलोनी में मना उत्सव

शहर के मीरा कॉलोनी इलाके में रविवार को काफी चहल-पहल रही। किराए का कमरा लेकर रह रहे गोरम गांव निवासी अवधेश सेथिया के भाई पवन शर्मा के घर के बाहर टेंट लगा हुआ था और लोगों के आने का सिलसिला जारी था। किसान अवधेश सेथिया का बेटा विकास सेथिया अपने घर पहुंचता है तो खुशी की लहर दौड़ जाती है। विकास की मां गिरजा देवी दौड़ी-दौड़ी दरवाजे पर आती है और विकास के माथे पर टीका लगाकर उसका स्वागत करती है। यह खुशी और यह उत्सव विकास की सफलता पर मनाया जा रहा है। विकास ने यूपीएससी की परीक्षा में 642 वी रैंक हासिल करके अपने परिवार और भिंड का गौरव बढ़ा दिया है। बेटे की सफलता पर पिता का सीना गर्व से चौड़ा है।



विकास की पढ़ाई के लिए परिवार ने किराए पर लिया कमरा
विकास की पढ़ाई के लिए परिवार ने किराए पर लिया कमरा

विकास बीहड़ों के बीच बसे गोरम गांव के निवासी हैं। विकास की पढ़ाई को देखते हुए उनका परिवार भिंड शहर के वाटर वर्क्स इलाके में किराए का कमरा लेकर रहता है। उनके चाचा पवन शर्मा भी विकास की सफलता को लेकर काफी खुश हैं। विकास के चाचा ने बताया कि उन्हें जैसे ही विकास की सफलता की खबर मिली तो उन्होंने तुरंत विकास के स्वागत को लेकर अपने घर के बाहर एक आयोजन रख दिया और अपने परिवार समेत रिश्तेदारों को न्योता देकर इकट्ठा किया। सभी लोग मिलकर विकास की सफलता पर खुशियां मना रहे हैं। पवन शर्मा ने बताया कि विकास ने यह सफलता हासिल कर के सभी के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं।



रोने लगी नानी
रोने लगी नानी

घर की महिलाएं विकास की आरती उतार रही थीं। वहीं, नानी की खुशी का ठिकाना नहीं था। आंखों के खुशी के आंसू निकल रहे थे। नानी ने नाती को देखते ही गले से लगा लिया। चूमकर वह खुशी के मारे रोने लगीं। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इस खुशी का इजहार कैसे करूं। फिर नाती को तिलक लगाया है और फूलों का माला पहनाया था। जब विकास की सफलता के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने तालियां बजाकर विकास की सफलता की खुशी जाहिर की।



500 रुपये का नेग दिया
500 रुपये का नेग दिया

नानी ने अपनी नाती की सफलता से इतनी खुशी थी कि उन्होंने नारियल के साथ उसे 500 रुपये का नेगा दिया। साथ ही एक कपड़ा ओढ़ाया। उन्होंने कहा कि बिटिया का लड़का है। हमारे परिवार के लिए बहुत खुशी की बात है। परिवार ने बहुत कष्ट झेला है। नानी की भावुक कर देने वाली तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल है।



ऐसा रहा है विकास का सफर
ऐसा रहा है विकास का सफर

इस पूरी सफलता को लेकर विकास ने बताया कि उनके लिए यह बहुत मुश्किल भरा सफर रहा है। विकास ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। ऐसे में भिंड से निकलकर दिल्ली में जाकर यूपीएससी के लिए तैयारी करना काफी मुश्किल भरा था। परिवारजनों, रिश्तेदारों और दोस्तों के सहयोग से उन्होंने यह सफलता हासिल की है। इसके साथ ही विकास ने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा में यह मायने नहीं रखता है कि आपको क्या पढ़ना है, यह ज्यादा मायने रखता है कि आपको क्या नहीं पढ़ना है। इसके साथ ही उन्होंने बताया यूपीएससी की तैयारी के लिए आठ से 10 घंटे की पढ़ाई पर्याप्त है लेकिन परीक्षा के समय यह समय बढ़कर 12 से 13 घंटे हो जाया करता है।

विकास बताते हैं कि उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा गोरम गांव के शासकीय स्कूल में हासिल की है। पांचवीं कक्षा के बाद वे भिंड शहर आए और यहां पर उन्होंने प्राइवेट स्कूल में दाखिला लिया। 12वीं की शिक्षा भिंड से पूरी करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए और यहीं से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के साथ-साथ उन्हें यूपीएससी की तैयारी की और यूपीएससी में सफलता भी हासिल कर ली। विकास ने दूसरे युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि कि किसी भी फील्ड में जाने से पहले खुद की क्षमता का आकलन कर लेना चाहिए, उसके बाद ही आगे बढ़ना चाहिए।





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