पुणे कोरोना से ठीक हुए मरीजों में पोस्ट कोविड इफेक्ट हो रहा था। यह पोस्ट कोविड असर म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) था। अब महाराष्ट्र के पुणे...
पुणे कोरोना से ठीक हुए मरीजों में पोस्ट कोविड इफेक्ट हो रहा था। यह पोस्ट कोविड असर म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) था। अब महाराष्ट्र के पुणे में पोस्ट कोविड के बाद एक नया फंगस देखने को मिल रहा है। यहां तीन महीनों में ऐसे चार नए मामले सामने आए हैं जिसमें मरीजों में अलग फंगस मिला है। इस नए फंगस ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। 66 के मरीज कोविड-19 से ठीक हो गए थे। पूरी तरह से स्वस्थ्य होने के एक महीने बाद उन्हें हल्का बुखार हुआ। पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द की शिकायत हुई। उन्हें शुरू में मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं दी गईं। इसके अलावा नॉन स्टेरॉयडल ऐंटी इंफ्लेमेट्री ड्रग्स दिए गए। एमआरआई से पकड़ में आया संक्रमण जब मरीज को आराम नहीं मिला तो उनका एमआरआई स्कैन किया गया। एमआरआई में स्पोंडिलोडिसाइटिस नामक स्पाइनल-डिस्क के खाली जगह पर गंभीर संक्रमण के कारण हड्डी डैमेज होने का खुलासा हुआ। विशेषज्ञों ने बताया कि हड्डी बायोप्सी और कल्चर से एस्परगिलस स्पेसीज मिलीं। यह एक प्रकार का मोल्ड होता है। बीमारी का नाम एस्परगिलस ऑस्टियोमाइलाइटिस दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के संक्रामक रोग विशेषज्ञ परीक्षित प्रयाग ने बताया कि मेडिकल टर्म में इसे एस्परगिलस ऑस्टियोमाइलाइटिस कहा जाता है, इस आक्रामक फंगल इंफेक्शन का डायग्नॉस करना बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि यह रीढ़ की हड्डी के टीवी की तरह होता है। इस तरह के फंगल संक्रमण को कोविड से ठीक हुए मरीजों के मुंह में पाया जाता है। फेफड़ों में यह फंगस मिलना बहुत ही दुर्लभ मामला है। इससे पहले भारत में नहीं मिला ऐसा केस डॉक्टर ने बताया कि हमने तीन महीनों में चार रोगियों में एस्परगिलस कवक स्पेसीज के कारण वर्टेब्रल ऑस्टियोमायलाइटिस डायग्नॉस किया है। इससे पहले, भारत में कोविड के बाद के रोगियों में एस्परगिलस वर्टेब्रल ऑस्टियोमाइलाइटिस का डॉक्यूमेंटेश नहीं किया गया था। चारों मरीज कोविड के कारण हुए थे गंभीर चारों में सामान्य यह था कि उन्हें गंभीर कोविड था और कोविड से जुड़े निमोनिया और संबंधित जटिलताओं से उबरने के लिए स्टेरॉयड का इलाज किया गया था। डॉक्टर ने कहा कि कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के लंबे समय तक उपयोग से इस तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि अंडरलाइन बीमारी का इलाज किया जा रहा है और अन्य दवाओं का क्या उपयोग किया जा रहा है। अब चार मरीजों का चल रहा इलाज प्रयाग ने बताया कि तीन महीने पहले एस्परगिलस वर्टेब्रल ऑस्टियोमाइलाइटिस के पहला रोगी मिला था। उन्होंने कहा कि हमने इस महीने चौथे ऐसे मरीज का इलाज शुरू किया है। सभी चार मरीजों का इलाज चल रहा है।
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