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ट्विन टावर तोड़ना चुनौती... एजेंसियां मांग रहीं 6 महीने से 1 साल का समय, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

नोएडा सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट में अवैध करार दिए जा चुके टि्वन टावर को 30 नवंबर तक तोड़ पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। सोमवार को ...

नोएडा सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट में अवैध करार दिए जा चुके टि्वन टावर को 30 नवंबर तक तोड़ पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। सोमवार को , सीबीआरआई, बिल्डर की जो बैठक हुई उसमें दो एजेंसी आई थीं। इनमें एक एजेंसी ने 1 साल तो दूसरी ने कम से कम 6 महीने का समय टावर तोड़ने के लिए मांगा। इसके बाद अथॉरिटी और सीबीआरआई ने ऐक्शन प्लान न होने की बात कहकर सोमवार तक विस्तृत रिपोर्ट के साथ आने को कहा है। सूत्रों की माने तो बैठक में टावर तोड़े जाने के लिए समयवृद्धि की फरियाद से करने की भी बात हुई। यह समयवृद्धि मांगने के लिए सुपरटेक सुप्रीम कोर्ट जाएगा, लेकिन कोशिश यह होगी कि अगले महीने टावर टूटने की शुरुआत हो जाए। सुप्रीम कोर्ट का टि्वन टावर पर आदेश 31 अगस्त को आया था। आदेश के मुताबिक यह दोनों टावर तीन महीने में तोड़े जाने का समय है। इस लिहाज से डेडलाइन 30 नवंबर है। आदेश आने के बाद बिल्डर दोबारा रिव्यू के लिए सुप्रीम कोर्ट गया वह याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर चुका है। वहीं, टावर तोड़ने के लिए नोएडा अथॉरिटी ने सीबीआरआई से सुझाव के लिए आदेश आते ही संपर्क किया था। सीबीआरआई की टीम दो बार टि्वन टावर का निरीक्षण कर चुकी है। इसके साथ ही सीबीआरआई ने कुछ एक्सपर्ट को साथ लेकर एक कमिटी बनाई है। इसमें बिल्डर व नोएडा अथॉरिटी भी शामिल है। आगे यह तय हुआ कि टावर तोड़ने का खर्च बिल्डर को उठाना है इसलिए यह काम करवाने के लिए बिल्डर एजेंसी का चयन करे। एजेंसी अपनी कार्ययोजना पेश करेंगी। उस कार्ययोजना पर सीबीआरआई अध्ययन और ट्रायल कर अपनी देखरेख में तुड़वाएगी। निगरानी का जिम्मा नोएडा अथॉरिटी उठाएगी। नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों का यह कहना टावर तोड़ने में समय लगने को लेकर नोएडा अथॉरिटी खुद को अलग कर रही है। अथॉरिटी अधिकारियों का कहना है कि आदेश के आने के बाद से अथॉरिटी लगातार टावर तुड़वाने की कोशिश में लगी है। टावर तोड़ने के लिए बिल्डर को एजेंसी का चयन करना है। बिल्डर यह तय करे कि 30 नवंबर तक टावर टूट पाएंगे या वह सुप्रीम कोर्ट से समय मांगेगा। सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने कहा, '30 नवंबर तक दोनों टावर तोड़े जाने में कई कठिनाईयां आ रही हैं। कोई भी एजेंसी इस समय में काम करने को तैयार नहीं है। आबादी के बीच दोनों टावर तोड़े जाने हैं। इसलिए समय लगना तय माना जा रहा है। हम सुप्रीम कोर्ट में जाकर समस्या बताएंगे और समयवृद्धि की मांग करेंगे। बाकी प्रक्रिया भी जारी रहेंगी।'


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