पटना कुछ साल पहले तक बिहार सरकार के परिवहन विभाग की इक्का-दुक्का बस ही रोड पर दिखती थीं। राज्य का लगभग 80 फीसदी परिवहन सिस्टम बाहुबलियों ...

पटना कुछ साल पहले तक बिहार सरकार के परिवहन विभाग की इक्का-दुक्का बस ही रोड पर दिखती थीं। राज्य का लगभग 80 फीसदी परिवहन सिस्टम बाहुबलियों और दबंग प्रवृति के लोगों के हाथों में था। लगभग सभी रूटों पर बाहुबलियों की बसों का ही एकक्षत्र राज्य हुआ करता था। बसों का परिचालन राज्य के बाहुबलियों की कमाई का अहम जरिया हुआ करता था। लेकिन पिछले कुछ साल में राज्य सरकार ने बिहार राज्य परिवहन की सेवा दुरुस्त करने पर काम कर रही है। इसी कड़ी में निगम ने 66 रूटों पर 370 नई बसें चलाने जा रही है। राजधानी पटना से राज्य के दूसरे शहरों और सीमावर्ती राज्यों उत्तर प्रदेश और झारखंड में जाने के लिए यात्रियों को अब सरकारी बसों की कमी नहीं होगी। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम राज्य के अलग जिलों और शहरों के लिए 50 रूटों पर, झारखंड के लिए 10 और उत्तर प्रदेश के लिए छह रूटों पर परिचालन में बसों की संख्या बढ़ाएगा। किस रूट पर कितनी बसें
- यूपी के अलग-अलग शहरों के लिए: 82 बसें बढ़ेंगी
- झारखंड रूट पर : 34 बसें
- बिहार के अलग-अलग जिलों के लिए: 254 बसें
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