Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

राजस्थान: 865 साल पुराने सोनार किले की चमक पड़ रही फीकी, 99 में से बची 75 मीनारें, पढ़ें खास रिपोर्ट

जैसलमेर राजस्थान ऐतिहासिक विरासत के चलते दुनियाभर में खास अपनी जगह रखता है। लेकिन जैसलमेर के सोनार किला की चमक अब तेजी से फीकी पड़ रही है...

जैसलमेर राजस्थान ऐतिहासिक विरासत के चलते दुनियाभर में खास अपनी जगह रखता है। लेकिन जैसलमेर के सोनार किला की चमक अब तेजी से फीकी पड़ रही है। जी हां यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल देश के एकमात्र जीवित किले का ध्यान आकर्षण खोता जा रहा है। बड़ी बात यह है कि चूना पत्थर और बलुआ पत्थर से बने 865 साल पुराना इसे किला की पिछले कुछ वर्षों में हुई उपेक्षा का ध्यान दिखाई नहीं दे रहा है। आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ( एएसआई) और स्थानीय प्रशासन ने आंखें मूंद लीं है, यही वजह है कि यहां किले में लगभग हर दिन अवैध निर्माण के मामले सामने आ रहे हैं, जिसने इस विरासत संरचना के बिगड़ाव को और बढ़ा दिया है। विरासत की संपत्ति पर हो रहा है अतिक्रमणउल्लेखनीय है कि जैसलमेर में इस विरासत की संपत्ति पर अतिक्रमण हो रहा हैं। मूल संरचना के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। इसमें स्टील की रेलिंग और सीमेंटेड संरचनाओं को जोड़ना और सीपेज (टपकने) जैसी समस्याएं मुख्य रूप से देखने को मिल रही है। जानकारों की मानें, तो इन वजहों से जहां किले की नींव को कमजोर कर रही है बल्कि इसे यह विकृत भी कर रही है। पानी के रिसाव और सीवर लाइनों में भारी खामियों के कारण यहां कई घरों के बेसमेंट में लगे पत्थर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। दीवारें सूज गई हैं। दीवारों के कई हिस्से खोखले हो रहे हैं और पत्थर रेत में तब्दील हो रही हैं। 99 मीनारें अब केवल 75 ही बचीजानकारों का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आपदा की आशंका है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होगा। अवैध निर्माण, अतिक्रमण और छेड़छाड़ के कारण किला अपना मूल स्वरूप खो रहा है। किले में पहले 99 मीनारें थीं, लेकिन अब केवल 75 ही बची हैं। अब । मीनारों की जगह सीमेंट की नई इमारतों ने ले ली है। बड़ी बात यह है कि यहां जो लोग अपने मकान की मरम्मत करवा रहे हैं। वो एएसआई को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। वहीं प्रशासन और एएसआई ने ऐसे निर्माण और मरम्मत के कार्य पर आंखे मूंद के बैठा दिखाई दे रहा है। पता चला है कि इस तरह की मरम्मत करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। किले के आसपास हो रहे निर्माण और मरम्मत के कार्य ने नई संरचनाओं ने नींव पर भार को और बढ़ा दिया है, लिहाजा वो भी टूट रही है। कोई चेकपोस्ट नहीं, किले के संचालन को लेकर एजेंसी भी नहीं हुई तय सहयोगी अखबार टीआईओ के अनुसार लोग वैध निर्माण के लिए निर्माण सामग्री लेकर किले में से ही प्रवेश करते हैं। हालांकि लोगों की बेरोकटोक किले में प्रवेश करने वालों के लिए पहले पुलिस की मदद से एक चेकपोस्ट बनाया था, लेकिन लोगों ने विरोध कर दिया। इसके बाद आंदोलन हो गया। निवासियों ने डेजर्ट फेस्टिवल का बहिष्कार करने की धमकी दी, जिसके बाद प्रशासन नरम पड़ गया और चेकपोस्ट की स्थापना रद्द कर दी गई। वहीं बड़ी बात यह भी है कि किले के अंदर के क्षेत्र को कौन सी एजेंसी संचालित करेगी, अभी तक यह तय नहीं हुआ है। हर साल सोनार किले के संरक्षण के लिए मुख्य सचिव, एएसआई और अन्य के स्तर पर बैठकें आयोजित की जाती हैं ,लेकिन ठोस निर्णय नहीं लिए जाते हैं। वहीं जो लिए जाते हैं उन्हें या तो लागू नहीं किया जाता है या फिर कछुएं की गति से लागू किया जाता है। पर्यटन को भी हो रहा है नुकसान जानकारों के कहना है कि सोनार किले में हो रहे अवैध निर्माण से जहां यह धरोहर अपनी चमक रही है। वहीं इससे पर्यटन के अवसर भी प्रभावित हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि किले में पर्यटकों के लिए गाइडेड हेरिटेज वॉक शुरू करने का प्रस्ताव लाए थे, लेकिन रास्ते में अतिक्रमण के कारण इसे कभी भी अमल में नहीं लाया जा सका।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3GLFtZR
https://ift.tt/3brclIS

No comments