जम्मू जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों की हत्या को लेकर गुस्सा और दुख है। गैर-कश्मीरियों का घाटी से पलायन शुरू गया है। हालात चिंताजनक हैं। इस...
जम्मू जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों की हत्या को लेकर गुस्सा और दुख है। गैर-कश्मीरियों का घाटी से पलायन शुरू गया है। हालात चिंताजनक हैं। इसके अलावा पुंछ में आतंकी हमले में नौ जवान शहीद हो गए थे। केंद्र की स्पेशल ऑपरेशन टीम कश्मीर पहुंच चुकी है। अब सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे जम्मू पहुंच रहे हैं। वह दो दिनों तक जम्मू के इलाके में रहकर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। सेना प्रमुख की विजिट के दौरान वॉइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) उन्हें सुरक्षा स्थिति और आतंकियों से निपटने के लिए की जा रही प्लानिंग के बारे में बताएंगे। 9 जवान हो गए थे शहीद भारतीय सेना ने सोमवार को ट्विटर पर कहा, 'सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे जम्मू क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर हैं। सेना प्रमुख अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे और सैनिकों तथा कमांडरों से बातचीत करेंगे।' जवानों पर हुए हमले में 9 शहीद हो गए थे, जिसके बाद सेना प्रमुख का यह पहला दौरा है। गैर-कश्मीरी मजदूरों को बनाया जा रहा निशाना आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में रविवार को आतंकवादियों ने दो गैर-स्थानीय मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी और एक अन्य को घायल कर दिया था। जम्मू कश्मीर में 24 घंटे से भी कम समय में गैर-स्थानीय मजदूरों पर यह तीसरा हमला था। बिहार के एक रेहड़ी-पटरी वाले और उत्तर प्रदेश के एक बढ़ई की शनिवार शाम को आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा बीते 15 दिनों में 13 गैर-कश्मीरियों की हत्या की गई है। आतंकियों को बेअसर करने का चल रहा अभियान पुंछ-राजौरी सेक्टर में बढ़ते आतंकवाद विरोधी अभियानों की भी सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे समीक्षा करेंगे। पुंछ सेक्टर में पिछले एक पखवाड़े में सैन्य गतिविधियां तेज हो गई हैं क्योंकि वहां नौ सेना के जवान शहीद हो गए थे। 16 कोर क्षेत्र में आतंकवादियों को बेअसर करने के लिए ऑपरेशन अभी भी जारी है। जम्मू में लगातार टूट रहा संघर्ष विराम सेना प्रमुख अग्रिम इलाकों का भी दौरा करेंगे और ग्राउंड में तैनात सैनिकों और कमांडरों से बातचीत करेंगे। सेना प्रमुख को नियंत्रण रेखा के साथ सुरक्षा ग्रिड और आंतरिक इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों के बारे में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और स्थानीय गठन कमांडर जानकारी देंगे। छह महीने की शांति के बाद, भीतरी इलाकों में आतंकवादी गतिविधियां तेज हो गई हैं और जम्मू क्षेत्र में संघर्ष विराम उल्लंघन के प्रयास भी बढ़ रहे हैं।
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