गाजियाबाद आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों में रणनीतियां बनने लगी हैं। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी हो या विपक्षी दल सपा, बसप...

गाजियाबाद आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों में रणनीतियां बनने लगी हैं। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी हो या विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस, सभी जनाधार वाले व्यक्तित्व को अपनी ओर खींचने की जुगत लगा रहे हैं। सपा ने इस बार के चुनाव में युवाओं को पार्टी से जोड़ने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सपा जिले से जुड़े एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेटर को पार्टी में शामिल करने कोशिश में है। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और क्रिकेटर के बीच 2 बार बैठक हो चुकी है। अब बस उनके शामिल होने की घोषणा होना बाकी है। यह क्रिकेटर सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के साथ ही पार्टी का स्टार प्रचारक भी हो सकता है। 2 महीने से चल रही है कोशिश सपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, गाजियाबाद समेत पूरे वेस्टर्न यूपी में क्रिकेट की दीवानगी जबरदस्त है। यहां के युवा मतदाता ही पांचों सीटों पर हार-जीत का निर्धारण करते हैं। अभी तक बड़ी संख्या में युवाओं के बीजेपी से जुड़े होने के कारण उसकी जीत को आसान बनाते आए हैं। यही सोच कर पार्टी ने जिले के निवासी और भारतीय क्रिकेट में अच्छी पहचान बना चुके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर को सपा से जोड़ने की रणनीति पर पिछले 2 महीने से काम किया जा रहा है। इसके लिए सपा के कई स्थानीय नेताओं के माध्यम से इस क्रिकेटर से पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ ही पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात कराई गई है। क्रिकेटर को दिए 2 ऑफर सपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, क्रिकेटर के समक्ष 2 प्रस्ताव रखे गए हैं। पहला यदि वह गाजियाबाद समेत यूपी के जिस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहे पार्टी उन्हें टिकट दे सकती है दूसरा यदि वह चुनाव लड़ने के इच्छुक न हों तो स्टार प्रचारक के रूप में पार्टी की कोर टीम में शामिल हो जाए। पार्टी उन्हें जल्द ही एमएलसी भी बना सकती है। ...तो बदल जाएगा मतदाताओं का रुख पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि यदि क्रिकेटर सपा में शामिल हो जाते हैं तो चुनाव के दौरान उनकी जनसभाएं कर मतदाताओं का रुख बदला जा सकता है। यदि यह क्रिकेटर विधानसभा चुनाव से पहले सपा में आ गए तो बीजेपी के लिए भी चुनौती खड़ी हो सकती है। किसान आंदोलन को भुनाना चाहती है सपा जिले के 5 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा है। हालांकि जिस प्रकार से किसान आंदोलन तेज हो रहा है उसका असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जिले के साथ गाजियाबाद पर भी पड़ सकता है। इसका फायदा उठाने के लिए सपा ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। सपा के रणनीतिकारों के अनुसार, गाजियाबाद समेत पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों में ऐसे लोगों को संगठन से जोड़ने का प्लान है जिसका असर आम मतदाताओं पर हो और वह वोटरों का रुख मोड़ने में सक्षम हो। इसके लिए जहां पूर्व विधायक सांसदों को पार्टी से जोड़ा जा सकता है, वहीं स्वच्छ छवि के लोगों को भी पार्टी चुनाव में उतारेगी। पश्चिमी यूपी के कई पूर्व और वर्तमान विधायक और सांसद टिकट की उम्मीद में सपा नेताओं के संपर्क में हैं।
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