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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी के लिए चुनाव प्रचार जरूरी, बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में शामिल नहीं होने पर भड़के सुशील मोदी

पटना बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में शामिल नहीं होंगे। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए राष्ट्र...

पटना बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में शामिल नहीं होंगे। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बुधवार को ही पटना आ गए थे। मगर तेजस्वी यादव के लिए चुनाव प्रचार जरूरी है। बिहार की दो विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को वोटिंग है। शताब्दी समारोह में शामिल नहीं होंगे तेजस्वी बिहार विधानसभा शताब्दी समारोह में नेता प्रतिपक्ष शामिल नहीं होंगे। तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार को लेकर इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर पाने की मजबूरी जताई है। उन्होंने पटना एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति का स्वागत किया साथ ही जानकारी दी कि कुशेश्वरस्थान उपचुनाव में पहले से तय कार्यक्रम की वजह से वो विधानसभा के शताब्दी समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे। सुशील मोदी के निशाने पर आए नेता प्रतिपक्ष बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने तेजस्वी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि 'बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आना राज्य के लिए गौरव की बात है। वे बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं। उनकी गरिमामय उपस्थिति वाले समारोह में अनुपस्थित रहकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अनुसूचित जाति से आने वाले एक अतिशालीन व्यक्ति का अपमान किया है। वे नीतीश सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे। इससे साफ है कि संवैधानिक दायित्व निभाने में नेता प्रतिपक्ष विफल हैं।' सुशील मोदी ने कहा है कि 'विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालना, सदन के भीतर मारपीट करना, आसन की अवहेलना करना और सरकार के जवाब का बहिष्कार करना राजद के संसदीय आचरण का स्वभाव बन चुका है। विधानसभा का शताब्दी समारोह संसदीय राजनीति में बिहार के योगदान को याद करने का स्वर्णिम अवसर है। आज के और भावी जन-प्रतिनिधियों को यह जानना चाहिए कि उनके पुरखों ने बिहार को आधुनिक बनाने के लिए किस तरह के फैसले लिए। इस सदन के सदस्यों की संख्या यदि 1952 में 330, 1956 में 318, 1977 में 324 और वर्ष 2000 में 243 हो गई, तो उसकी परिस्थितियों से नई पीढ़ी को अवगत होना चाहिए।' राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पूरा कार्यक्रम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार के तीन दिनों के दौरे पर हैं। करीब 46 घंटे पटना में रहेंगे। उन्हें मुख्य अतिथि के तौर पर विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह को संबोधित करना है। राष्ट्रपति कोविंद का बिहार से गहरा रिश्ता है। राष्ट्रपति बनने के पहले वे करीब दो वर्षों तक बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं। इस यात्रा के दौरान उनकी पुरानी यादें ताजा होंगी। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के मुताबिक विधानसभा परिसर में राष्ट्रपति का आगमन सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर होगा। वहां वे कुल एक घंटा 10 मिनट तक रहेंगे। समारोह स्थल पर जाने से पहले विधानसभा परिसर में शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास करेंगे। 25 फीट ऊंचे इस स्तंभ की स्थापना मुख्य भवन के सौ वर्ष पूरे होने की याद में किया जा रहा है। इसके बाद राष्ट्रपति कोविंद बोधिवृक्ष का पौधा लगाएंगे। शाम में विधानसभा अध्यक्ष के सरकारी आवास में उनके सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया गया है। 22 अक्टूबर को राष्ट्रपति पटना हनुमान मंदिर, बुद्धा स्मृति पार्क, पटना साहिब गुरुद्वारा और खादी मॉल भी जाएंगे। उसके बाद सुबह सवा 11 बजे वे दिल्ली लौट जाएंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बुधवार को दोपहर एक बजे वायुसेना के विशेष विमान से पटना पहुंचे थे।


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