Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

पूर्व सचिव मामले में दुर्भावना से हुआ काम- केंद्र के खिलाफ कलकत्‍ता HC की कड़ी टिप्‍पणी

कोलकाता कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के एक आदेश को न्यायिक विवेक को झकझोरने वाला और संघीय ढांचे के लिए खतरा ...

कोलकाता कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के एक आदेश को न्यायिक विवेक को झकझोरने वाला और संघीय ढांचे के लिए खतरा बताते हुए रद कर दिया। कैट ने अपने इस आदेश में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के एक आवेदन को नई दिल्ली में स्थानांतरित करने के लिए कहा गया था। जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य और रबींद्रनाथ सामंत की खंडपीठ ने कैट की कोलकाता पीठ को केस वापस लौटाते हुए सुनवाई में तेजी लाने और इसे जल्द से जल्द निपटाने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि 'भारत सरकार की ओर से अपनाए गए पूरे तौर-तरीके दुर्भावना से भरे हुए हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैट की प्रधान पीठ ने भारत संघ के फरमान का पालन करते हुए (उन) प्रयासों को पोषित किया।' कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने 28 मई को कलाईकुंडा वायु सेना स्टेशन पर यास चक्रवात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में भाग लेने के संबंध में बंदोपाध्याय के खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी, जिसके खिलाफ बंदोपाध्याय ने कैट की कोलकाता पीठ का रुख किया था। खंडपीठ ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा है कि 'मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) ने राज्य के अन्य चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का पूर्व-निर्धारित सर्वेक्षण करने के लिए खुद को और रिट याचिकाकर्ता (अलपन बंदोपाध्याय, जो उस समय पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव थे) के बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर प्रधानमंत्री से अनुमति ली थी।' केंद्र सरकार ने उसी शाम राज्य सरकार को याचिकाकर्ता को विमुक्त करने का निर्देश देते हुए उन्हें 31 मई को नई दिल्ली में रिपोर्ट करने के लिए कहा था। हालांकि राज्य सरकार ने बंदोपाध्याय को विमुक्त नहीं किया, जिसके बाद बंदोपाध्याय ने 31 मई को सेवानिवृत्त होने का फैसला किया। हालांकि राज्य सरकार ने उन्हें उस तारीख से तीन महीने तक का सेवा विस्तार दिया था। सरकार की ओर से बंदोपाध्याय के खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई और इस संबंध में एक जांच प्राधिकरण नियुक्त किया गया, जिसने 18 अक्टूबर को नई दिल्ली में प्रारंभिक सुनवाई तय की। याचिकाकर्ता ने अपने खिलाफ कार्यवाही को चुनौती देते हुए कैट की कोलकाता पीठ का रुख किया। केंद्र सरकार ने कैट की प्रधान पीठ के समक्ष एक स्थानांतरण याचिका दायर की। कैट ने 22 अक्टूबर को बंदोपाध्याय के आवेदन को नई दिल्ली में स्थानांतरित करने की अनुमति दी। बंदोपाध्याय ने इस आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3vWJhSK
https://ift.tt/3jMYBwE

No comments