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LAC के पास गांव क्यों बना रहा चीन, क्या है साजिश, ग्राउंड रिपोर्ट में देखिए मुंहतोड़ जवाब की तैयारी

रूपा (अरुणाचल प्रदेश) पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन का अड़ियल रवैया बढ़ा है। कंट्रक्शन के साथ ही चीन ने एलएसी क...

रूपा (अरुणाचल प्रदेश) पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन का अड़ियल रवैया बढ़ा है। कंट्रक्शन के साथ ही चीन ने एलएसी के दूसरी तरफ अपनी ट्रेनिंग एक्सरसाइज भी बढ़ाई है। चीन के सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश से लगती एलएसी पर पेट्रोलिंग भी कुछ हद तक बढ़ गई है। चीन के बॉर्डर डिफेंस सैनिकों की संख्या में भी बीते दिनों से बढ़ोतरी देखी गई है। इंडियन आर्मी के ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने कहा कि चीन के सैनिक एलएसी के दूसरी तरफ इनडेप्थ एरिया में सालाना ट्रेनिंग एक्सरसाइज करते हैं। पिछले कुछ वक्त में उन्होंने एक्सरसाइज का स्केल (स्तर) बढ़ाया है और एक्सरसाइज ज्यादा लंबे वक्त चल रही है। इस साल एक्सरसाइज ज्यादा लंबी चली। ईस्टर्न लद्दाख में तनाव के बाद ईस्टर्न सेक्टर में कुछ जगहों पर चीनी सैनिकों की पट्रोलिंग (गश्ती) भी बढ़ी है। जनरल पांडे ने कहा कि यह भी देखा गया है कि चीनी सेना की रिजर्व फॉर्मेशन जो आगे की तरफ ट्रेनिंग एरिया में मोबलाइज होती हैं, वह ट्रेनिंग एरिया में ही रह जाती हैं। हालांकि वो भी इनडेप्थ एरिया (अंदर की तरफ) है। उन्होंने कहा कि एलएसी के दोनों तरफ इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट हो रहा है और कुछ जगह इसकी वजह से भी विवाद हो जाता है। भारत की तैनाती हुई मजबूत सैन्य जनरल मनोज पांडे कहा कि एलएसी पर हमने अपने सैनिकों की संख्या नहीं बढ़ाई है लेकिन तैनाती को मजबूत किया है। हम टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। जनरल पांडे ने कहा कि हमारी कैपिसिटी में लगातार इजाफा हो रहा है और हर स्थिति से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। हमने भी इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया है और लगातार इस पर काम हो रहा है। हमने निगरानी (सर्विलांस) भी बढ़ाई है और इसके लिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी और इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। एलएसी के अलावा इनडेप्थ एरिया में भी निगरानी बढ़ाई है। हमारे सैनिक हर स्थिति का मुकाबला करने के लिए लगातार प्रैक्टिस और एक्सरसाइज कर रहे हैं। चीन के गांव - कैसे हो रहा इस्तेमाल चीन ने एलएसी के पास अपनी तरफ कई मॉडल विलेज बनाए हैं। जनरल पांडे ने कहा कि हमारे लिए यह चिंता है कि वह इसका दोहरा इस्तेमाल (सिविल के साथ मिलिट्री मकसद) किस तरह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी ऑपरेशनल प्लानिंग में इसका नोटिस लेते हैं और उसी हिसाब से रणनीति बनाते हैं। इंडियन आर्मी है पूरी तरह तैयार जनरल पांडे ने कहा कि एलएसी पर हमारा पॉश्चर डिफेंसिव और अग्रेसिव दोनों है। सामान्य हालात में एलएसी पर हमारे सैनिक इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि वह अग्रेसिव ना लगें। तय प्रोटोकॉल के हिसाब से फ्रेंडली रिलेशन मेंटेन करें। लेकिन जब भी अग्रेसिव होने की जरूरत होती है तो हमारे सैनिक पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ईस्टर्न कमांड एरिया में कई पॉइंट्स हैं जहां एलएसी को लेकर दोनों देशों का अलग परसेप्शन है इसलिए कई बार दोनों देशों के सैनिक आमने सामने आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में तय प्रोटोकॉल और मैकेनिज्म के हिसाब इसका हल कर लेते हैं। इस सेक्टर में भारत-चीन के बीच तीन हॉटलाइन पहले से थी, कुछ वक्त पहले चौथी हॉटलाइन भी शुरू हुई है।


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