उदयपुर राजस्थान की वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। 30 अक्टूबर को यहां मतदान होना है। नामांकन वापसी के अंतिम दिन या...
उदयपुर राजस्थान की वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। 30 अक्टूबर को यहां मतदान होना है। नामांकन वापसी के अंतिम दिन यानी बुधवार को वल्लभनगर से नाै प्रत्याशी चुनावी मैदान बचे हैं। हालांकि इनमें भी मुख्य मुकाबला 4 उम्मीदवारों के बीच ही है। उदयपुर की यह सीट कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन से रिक्त हुई है। और उपचुनाव में अब 9 लोग ताल ठोक रहे हैं। यहां चतुष्कोणीय मुकाबले में कांग्रेस, भाजपा, आरएलपी और जनता सेना एक-दूसरे पर भारी पड़ने वाली हैं। इन 4 प्रत्याशियों में है सीधी टक्कर कांग्रेस की प्रीति शक्तावत, भाजपा के हिम्मत सिंह झाला, जनता सेना के रणधीर सिंह भिंडर और साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके और अब आरएलपी उम्मीदवार उदय लाल डांगी के बीच मुख्य मुकाबला होने की संभावना है। वैसे चुनावी मैदान में बीटीपी के सुख संपत बागड़ी निर्दलीय गजेंद्र, नरेंद्र, भेरूलाल कालबेलिया और विजय कुमार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हालांकि वल्लभनगर में बीटीपी का कोई खास असर इस चुनावी मैदान में नजर आने की संभावना कम है। कांग्रेस को चाहिए सहानुभूति की लहरकांग्रेस ने दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति कंवर के नाम पर सहानुभूति लहर पर सवार होना चाहती है। क्योंकि कांग्रेस का यह प्रयोग सहाड़ा और सुजानगढ़ विधानसभा उपचुनाव में सफल रहा था। इसी सहानुभूति के बल पर राजसमंद में भाजपा की कठिन मुकाबले में चुनाव में पार पड़ पाई थी। भाजपा को दोहरा नुकसान?भाजपा को यहां दो तरफ नुकसान की पूर्ति करनी होगी। क्योंकि साल 2018 का भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ तीसरे नंबर पर रहे उदय लाल डांगी और जनता सेना के रणधीर सिंह भिंडर दोनों भाजपा को नुकसान पहुंचाएंगे। भाई की जगह प्रीति कंवर को टिकट यह भी देखना है कि कांग्रेस के लिए दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह के बड़े भाई देवेंद्र सिंह कितने मन से चुनाव प्रचार में जुटते हैं। क्योंकि देवेंद्र सिंह भी अपने पिता और कांग्रेस के चार दशक तक कद्दावर नेता रहे गुलाब सिंह शक्तावत की विरासत खुद संभालना चाहते थे। लेकिन पार्टी ने उनके स्थान पर उनके छोटे भाई की पत्नी को तरजीह दी है। इसीलिए कांग्रेस ने वल्लभनगर और धरियावद दोनों विधानसभा चुनाव के लिए उदयपुर में जिला स्तरीय विधानसभा वार जो चुनाव समितियां बनाई है, उनमें सबसे खास नाम देव सिंह शक्तावत का भी रखा है। इन्हें जिला स्तरीय चुनाव संचालन समिति का सदस्य बनाया गया है। मंत्री और नेता प्रतिपक्ष दोनों की प्रतिष्ठा का सवाल वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में उदयपुर के प्रभारी यातायात मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को भी अपनी पसंद का उम्मीदवार नहीं होने के बावजूद भाजपा उम्मीदवार हिम्मत सिंह झाला के लिए अपना पसीना बहाना पड़ेगा। जिससे पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा पर भाजपा में ही उनके विरोधी कोई सवाल खड़ा न कर सके। आरएलपी और जनता सेना का भविष्य ? मेवाड़ के ही सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी कुछ विशेष नहीं कर पाई थी। इस बार उनकी भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है कि वह मारवाड़ के बाहर भी अपना जनाधार कितना मजबूत कर पाते हैं। जनता सेना के उम्मीदवार रणधीर सिंह भिंडर साल 2018 के विधानसभा चुनाव से बेहतर कर पाते हैं या नहीं इस पर भी उनके भविष्य की राजनीति टिकी हुई है। वल्लभनगर में मतदान 30 अक्टूबर को और मतगणना 2 नवंबर को होगी। यहां से जनता सेना से दीपेंद्र कुंवर ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। जनता सेना से रणधीर सिंह भिंडर और दीपेंद्र कंवर दोनों ने नामांकन किया था। (रिपोर्ट-प्रमोद तिवारी)
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