Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

ड्यूटी के लिए रोजाना 150 किमी का सफर, अपने ही गुरु को समाज दे रहा यह कैसा दर्द!

अहमदाबाद समाज में गुरु का स्थान सबसे महत्वपूर्ण होता है। गुरु को गोविंद यानी भगवान से ऊपर दर्जा दिया जाता है। गुरु जाति और धर्म के बंधनों...

अहमदाबाद समाज में गुरु का स्थान सबसे महत्वपूर्ण होता है। गुरु को गोविंद यानी भगवान से ऊपर दर्जा दिया जाता है। गुरु जाति और धर्म के बंधनों से ऊपर माने जाते हैं। लेकिन, गुजरात से जो सूचना आ रही है, वह चौंकाने वाली है। गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के 50 वर्षीय शिक्षक को हर रोज यात्रा अपनी ड्यूटी पूरी करने के लिए करनी पड़ रही है। इसका कारण कुछ और नहीं उनकी जाति है। निचली जाति के कारण उन्हें पोस्टिंग वाले स्थान पर किराए पर कोई कमरा ही नहीं मिला। शिक्षक की जिस स्कूल में तैनाती की गई है, उस गांव की पंचायत ने ही बजाप्ता उन्हें यह कह दिया है कि आपको यहां घर नहीं मिल सकता। इसका कारण उन्हें बताया गया कि गांव में अनुसूचित जाति श्रेणी में आने वाले बाल्मीकि समुदाय के लोगों के रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। शिक्षक पंचायत की ओर से मिले रिस्पांस के बाद काफी दुखी हुए। उन्होंने इसकी शिकायत की। घोर भेदभाव का मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग को की गई है शिकायत गुजरात के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने शिक्षक के साथ हो रहे भेदभाव का मुद्दा शिक्षा विभाग के समक्ष उठाया है। शिक्षा विभाग से शिकायत की गई है कि अनुसूचित जाति के शिक्षक अत्याचार, भेदभाव, असमानता और जातिवाद के शिकार हुए हैं। इस मामले में उचित कार्रवाई का अनुरोध किया गया है। शिक्षक ने बताई अपनी व्यथा जिले के छतरियाला गांव के रहने वाले शिक्षक कन्हैयालाल बरैया ने बताया कि उनका तबादला उसी जिले के 75 किलोमीटर दूर स्थित निनामा गांव के एक स्कूल में स्थानांतरित किया गया। उन्होंने कहा कि जब मैं स्कूल में गया और ड्यूटी के लिए रिपोर्ट किया, इसके बाद एक घर किराए पर लेने के लिए पूछताछ शुरू की। मुझे बताया गया कि गांव में कोई वाल्मीकि बस्ती नहीं है। इस कारण मुझे गांव में किराए पर घर नहीं मिल सकता है। इस कारण अभी करीब 150 किलोमीटर हर रोज ड्यूटी के लिए यात्रा करनी पड़ती है। शिक्षक को दी गई लिखित जानकारी गांव के निर्वाचित प्रतिनिधियों मुखिया तलाटी व सरपंच ने शिक्षक को आधिकारिक लेटरहेड पर इसकी जानकारी दी। 16 दिसंबर 2020 को शिक्षक को घर न मिलने के बारे में बारे में जानकारी दी गई थी। इस मामले में शिक्षक ने सामाजिक न्याय, शिक्षा व अन्य विभागों से आधिकारिक तौर पर शिकायत की। शिक्षक की शिकायत पर पिछले सप्ताह सामाजिक न्याय विभाग ने पिछले सप्ताह उन्हें ट्रांसफर करने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र भेजा है। स्थानीय दलित कार्यकर्ताओं ने भी बताया कि जाति के आधार पर यहां भेदभाव आम बात है।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/2Y1a3wK
https://ift.tt/3keM2dN

No comments