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राजस्थान: कांग्रेसी नेता और बिल्डर ग्रुप पर आयकर के छापे, मिली 50 करोड़ की ब्लैकमनी,बेहिसाब सम्पति का भी खुलासा

श्रीगंगानगर राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में बीते एक सप्ताह से चल रही में बड़ा खुलासा हुआ है। यहां कांग्रेस नेता अशोक चांडक और बिल्डर समूह...

श्रीगंगानगरराजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में बीते एक सप्ताह से चल रही में बड़ा खुलासा हुआ है। यहां कांग्रेस नेता अशोक चांडक और बिल्डर समूह रिद्धि सिद्धि ग्रुप के 33 ठिकानों पर करीब सप्ताह भर चली आयकर की छापेमारी में पचास करोड़ की ब्लैक मनी की जानकारी सामने आई है। यह कार्रवाई 28 अक्टूबर को जयपुर और श्रीगंगानगर के विभिन्न ठिकानों पर एक साथ की गई थी। आयकर विभाग ने दो करोड़ इकत्तीस लाख रुपए की नकदी और दो करोड़ चालीस लाख की ज्वैलरी जब्त की है। मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता अशोक चांडक और बिल्डर ग्रुप रिद्धि सिद्धि से जुड़ी कंपनियों का शराब, सैंड माइनिंग और रियल स्टेट का कारोबार है। संबंधित ग्रुप ने 35 करोड़ की अघोषित आय मानकर उस पर इनकम टैक्स देने की पेशकश भी कर दी है। आयकर विभाग ने यह राशि 50 करोड़ से ज्यादा बताई है। इस अंतर की वजह से फिलहाल पेशकश मंजूर नहीं की गई है। आयकर कार्रवाई में बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए हैं। तलाशी के दौरान बेहिसाब नकदी लेने और उससे जमीन खरीदने के दस्तावेज भी मिले हैं। टीम पड़ताल में जुटी पता चला है कि बजरी की बिक्री से मिलने वाली नकदी को अकाउंट बुक में नहीं दिखा कर अलग रजिस्टर में हिसाब रखा जा रहा था। उस हिसाब के दस्तावेज भी मिले हैं। नगद बिक्री को अकाउंट बुक में दर्ज नहीं किया जा रहा था। आरोप है कि यह सब टैक्स चोरी के लिए ही किया गया है। आयकर टीम इन दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है। 250 से ज्यादा कर्मचारियों पर एक साथ छापेमारी आयकर की टीमों में शामिल 250 से ज्यादा कर्मचारियों ने एक साथ छापेमारी की थी। कांग्रेस नेता के शराब और रियल स्टेट सहित कई कारोबार से होने वाली वास्तविक आय और इनकम टैक्स रिटर्न में अंतर पाया गया था। इनकम टैक्स की प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद छापे मारे गए थे। मुंबई की आयकर टीम ने राजस्थान टीम को कुछ इनपुट दिया था जिसके बाद एक साथ इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई। दो महीने पहले ही तैयारियां !इस तलाशी अभियान के लिए आयकर विभाग ने करीब दो महीने पहले ही तैयारियां शुरू कर दी थी। तीनो कारोबारियों के फोन को सर्विलांस पर ले रखा था। तीनो के फोन से किस किस से बातचीत की जा रही थी, इसका पूरा हिसाब इस कारवाही से पहले जुटा लिया गया था। बेनामी लेनदेन के मजबूत साक्षी हासिल करने के बाद आयकर विभाग ने इस कारवाही को अंजाम दिया था।


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