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Bihar News : जहरीली शराब से 2021 में गई 66 लोगों की जान, शराबबंदी के बावजूद 13 मामले आए सामने

पटना बिहार के मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद हड़कंप मचा हुआ है। जिला प्रशासन लगातार मामले की जांच में जुटा हुआ है। पूरा म...

पटना बिहार के मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद हड़कंप मचा हुआ है। जिला प्रशासन लगातार मामले की जांच में जुटा हुआ है। पूरा मामला 28 अक्टूबर की रात सामने आया, जिसमें 8 लोगों की जान चली गई। चार अन्य अभी भी अलग-अलग अस्पतालों में इलाजरत हैं। ये घटना सरैया थाना इलाके के रूपौली और विशहर पट्टी गांव में हुई थी। सूबे में जहरीली शराब से मौत का ये पहला मामला नहीं है। प्रदेश में इस साल अब तक 13 ऐसे मामले सामने आए, जिसमें करीब 66 लोगों की मौत शराब से हुई है। शराबबंदी के बावजूद नहीं थम रहे मामलेबिहार में पूर्ण शराबबंदी अप्रैल 2016 में लागू कर दी गई थी। हालांकि, शराबबंदी के बावजूद इस साल अब तक 13 अलग-अलग घटनाओं में जहरीली शराब से करीब 66 लोगों की मौत हो गई। सबसे हालिया मामला मुजफ्फरपुर का ही है, जब 27 अक्टूबर की रात को कुछ लोगों ने शराब पी थी, जिसके बाद 8 लोगों की मौत हो गई। मौतों के मामले में ये इस साल राज्य की तीसरी बड़ी वारदात है। मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब कांड अब तक आए तीन मामले मुजफ्फरपुर में हुए इस शराबकांड में अब तक संतोष कुमार समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने बताया कि संतोष पिछले एक महीने से शराब की तस्करी कर रहा था। शराब बनाने और तस्करी करने वाले और लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। जिले में जहरीली शराब से मौत को लेकर जनवरी के बाद से यह तीसरा मामला है। इससे पहले मुजफ्फरपुर के कटरा थाना इलाके में इस साल 17 और 18 फरवरी को जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद मुजफ्फरपुर के मनियार स्थित विशनपुर गिद्दा में 26 फरवरी को फिर जहरीली शराब से दो और ग्रामीणों की मौत हो गई थी। पश्चिमी चंपारण और नवादा में जहरीली शराब से हुई ज्यादा मौतें12 अक्टूबर को वैशाली के राजापाकर थाना स्थित बैकुंठपुर गांव में एक रंजीत कुमार सिंह (55) की मौत हो गई। सीवान के गुथानी थाना इलाके के बेलौरी में 24 अक्टूबर को जहरीली शराब से चार लोगों की मौत हो गई थी। जहरीली शराब से मौत का चौंकाने वाला होली के ठीक बाद नवादा जिले में सामने आया था। जब टाउन थाना क्षेत्र के गांवों में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई थी। फिर जुलाई में पश्चिमी चंपारण के लौरिया से इतनी ही संख्या में लोगों की मौत का मामला सामने आया था। शराब से मौत को लेकर विपक्ष रहा है सरकार पर हमलावरहोली के बाद ही जहरीली शराब से बेगूसराय के बखरी में दो, कोचा में चार, रोहतास के करगहार में एक, कैमूर के टाउन थाना क्षेत्र में दो, गोपालगंज के विजयपुर थाना क्षेत्र के मंझौलिया से तीन, मुफस्सिल के बरही बीघा में एक शख्स की मौत हुई। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार सरकार पर हमले करते रहे हैं। आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी केवल दिखावा है और इसने समानांतर अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि शराब बनाने, तस्करी और घरेलू आपूर्ति हर जगह आम है, खासकर गांवों में। पुलिसकर्मी भी शराब की तस्करी में शामिल लोगों को संरक्षण देते हैं, जिससे निर्दोष लोगों की मौत जहर से होती है। जेडीयू ने पूरे मामले पर क्या कहाहालांकि, जेडीयू प्रवक्ता डॉ. सुहेली मेहता ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार शराब की घटनाओं पर बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि सीएम ने शीर्ष पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों को ऐसे सभी मामलों में कड़ी कार्रवाई करने और शराब बनाने वालों के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सुहेली मेहता ने कहा कि ये घटनाएं दर्दनाक हैं और किसी भी कीमत पर नहीं होनी चाहिए। इस मामले में समाज की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है।


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