Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

Bihar News : बिहार के सभी फैक्ट्री मालिक पढ़ लें नीतीश का ये आदेश, श्रमिकों से सात दिन में 48 घंटे से ज्यादा कराया तो नाप दिए जाएंगे

पटना बिहार के रजिस्टर्ड फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिक एक हफ्ते में ज्यादा से ज्यादा 48 घंटे ही काम करेंगे। इससे अधिक घंटे काम लेने...

पटना बिहार के रजिस्टर्ड फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिक एक हफ्ते में ज्यादा से ज्यादा 48 घंटे ही काम करेंगे। इससे अधिक घंटे काम लेने की इजाजत कारखाना संचालकों को नहीं दी जाएगी। इस तय समय में भी श्रमिकों से एक दिन में अधिकतम 12 घंटे का काम कराया जा सकेगा। काम कराते वक्त 5 घंटे के बाद हर स्थिति में कम से कम आधे घंटे का आराम देना जरूरी होगा। नीतीश सरकार के नए नियम से श्रमिकों को राहत बिहार के लेबर डिपार्टमेंट यानि श्रम संसाधन विभाग ने श्रमिकों के लिए वेतन के साथ ही काम के घंटों और सालाना छुट्टी भी तय कर दी है। विभाग के मुताबिक हफ्ते में 48 घंटे के हिसाब से एक कामगार से एक दिन में आठ घंटे से ज्यादा काम नहीं कराया जाएगा। अगर इससे ज्यादा काम कराया गया तो श्रमिक को साधारण दर की जगह दोगुनी दर से तनख्वाह देनी होगी। अनिवार्य सेवा से जुड़े रहने पर ये होंगे नियम सरकार के आदेश के मुताबिक एक दिन में श्रमिकों से 12 घंटे का काम तभी कराया जा सकता है जब मामला अनिवार्य सेवा का हो। श्रमिकों को मिलने वाली छुट्टी की लिस्ट भी फैक्ट्री कैम्पस में ऐसी जगह लगानी जरूरी होगी जहां पर सबकी नजर पड़ सके। 500 श्रमिकों वाली फैक्ट्री में सिक्योरिटी ऑफिसर जरूरी जिस कारखाने में 500 या उससे ज्यादा श्रमिक होंगे, वहां एक सिक्योरिटी ऑफिसर रखना जरूरी होगा। इससे ज्यादा लोग होने पर एक्स्ट्रा सिक्योरिटी ऑफिसर को बहाल करना होगा। जिन कारखानों में खतरनाक प्रक्रिया वाले काम होते हों, वैसी जगह पर 250 श्रमिकों पर एक सिक्योरिटी ऑफिसर रखना होगा। ठेके पर काम करने वाले कामगारों को भी राहत सरकार के आदेश के मुताबिक ठेके पर काम करने वाले श्रमिकों को भी फैक्ट्री कैम्पस में सारी सुविधाएं दी जाएंगी। कारखाने के कैम्पस में शौचालय से लेकर पीने का पानी, नहाने की व्यवस्था, कपड़े बदलने का कमरा, फर्स्ट एड बॉक्स जैसी तमाम सुविधाएं रखनी जरूरी होंगी। बगैर लाइसेंस ठेकेदारी नहीं जो ठेकेदार फैक्ट्री में काम कराने के लिए मजदूर उपलब्ध कराते हैं उन्हें लाइसेंस लेना होगा जो 5 साल तक वैलिड रहेगा। अगर कोई ठेकेदार 49 श्रमिकों से काम करा रहा है तो उसे लाइसेंस के लिए पैसे नहीं देने होंगे। बाकी ठेकेदारों के लिए फीस इस तरह से होगी।
  • 50 से 100 ठेका श्रमिकों से काम कराने वाले ठेकेदार- एक हजार रुपये की लाइसेंस फी
  • 101 से 300 ठेका श्रमिक वाले ठेकेदार- दो हजार रुपयों की लाइसेंस फी
  • 301 से 500 ठेका श्रमिकों से काम कराने वाले ठेकेदार- तीन हजार रुपयों की लाइसेंस फी
  • 501 से 1,000 ठेका श्रमिकों से काम कराने वाले ठेकेदार- पांच हजार रुपयों की लाइसेंस फी
  • 1,001 से 5,000 ठेका श्रमिको के लिए- 10 हजार रुपयों की लाइसेंस फी
  • 5,001 से 10 हजार ठेका श्रमिकों पर- 20 हजार रुपयों की लाइसेंस फी
  • 10,001 से 20 हजार ठेका कामगारों पर- 30 हजार रुपयों की लाइसेंस फी
  • 20,001 से ज्यादा ठेका श्रमिकों पर- 40 हजार रुपयों की लाइसेंस फी


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3DrU7TL
https://ift.tt/3CnAD1s

No comments