Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

कालनेमि राक्षस वध का जिक्र कर मोदी ने पूर्वांचल की धार्मिक भावनाओं से जोड़ा कनेक्‍शन, समझें अहमियत

सुल्तानपुर सुल्तानपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस के उद्घाटन के साथ खूब चुनावी तीर साधे। साथ ही पौराणिक और ऐतिहास...

सुल्तानपुरसुल्तानपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस के उद्घाटन के साथ खूब चुनावी तीर साधे। साथ ही पौराणिक और ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र कर यहां के लोगों की भावनाओं को जोड़ने की कोशिश भी की। भोजपुरी भाषा में अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कालनेमि वध की याद दिलाई। वहीं 1857 की लड़ाई में सुल्तानपुर की भूमिका और कोईरीपुर के युद्ध की अहमियत भी बताई। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश को विकास की सौगात देते हुए पीएम मोदी ने भावनाओं की लहर चलाने की भरपूर कोशिश की है। स्थानीय बोली में भाषण की शुरुआत उनकी पुरानी कार्यशैली भी रही है। आइए जानते हैं क्या है इन घटनाओं के पीछे की कहानी- क्या है कालनेमि वध और पीछे की कहानी? पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, ‘जवने धरती पर हनुमान जी कालनेमि के वध किये रहें, वो धरती के लोगन के हम पांव लागत हईं।’ (जिस धरती पर हनुमान जी ने कालनेमि का वध किया था, उस धरती के लोगों को मैं पैर छूकर प्रणाम करता हूं।) कालनेमि वक्ष रामायणकाल से जुड़ी है जिसका जिक्र तुलसीदास जी की रामचरितमानस में भी है। कालनेमि का उल्लेख 'रामायण' में तब आता है जब लंका युद्ध के समय रावण के पुत्र मेघनाद की ओर से छोड़े गए शक्ति बाण से लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे। तब सुषेण वैद्य ने इसका उपचार संजीवनी बूटी बताया जो कि हिमालय पर्वत पर उपलब्ध थी। हनुमान के वध के लिए रावण ने भेजा था कालनेमि को तब हनुमान ने तुरंत हिमालय की ओर प्रस्थान करने का फैसला किया। जब रावण को यह पता चला तो उसने हनुमान का मार्ग रोकने और उनका वध करने के लिए मायावी राक्षस कालनेमि को आज्ञा दी। कालनेमि ने साधु का रूप धरकर राम-राम जपना शुरू कर दिया था। थके-हारे हनुमान राम नाम सुनकर वहीं रुक गए। हनुमान काफी थके हुए थे, उन्होंने स्नान करने की इच्छा जताई। सुल्तानपुर में बिजेथुआ में आज भी वही कुंड है, जिसके बारे में मान्यता है कि हनुमान जी ने वहां स्नान किया था। कहते हैं कि जब हनुमान कुंड में स्नान कर रहे थे, उसी वक्त कालनेमि मगरमच्छ का रूप धरकर वहां आया तो उनको खाना चाहा। तब एक मकड़ी ने हनुमानजी को कालिनेम का भेद बताया। हनुमान ने उस मकड़ी का उद्धार किया और मायावी कालनेमि का कुटिल उद्देश्य जानकर उसका वध कर दिया। उसी जगह पर बना है हनुमान का प्रसिद्ध मंदिर हनुमान जी ने कालनेमि दानव का वध जिस जगह पर किया था आज वह स्थान सुलतानपुर जिले के कादीपुर तहसील में बिजेथुआ महावीरन नाम से विख्यात है। इस स्थान पर 'भगवान हनुमान' को समर्पित एक सुप्रसिद्ध पौराणिक मंदिर भी है। हर मंगलवार को यहां बड़ा मेला लगता है और दूर-दराज से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। पूर्वांचल के लोगों के लिए मंदिर का काफी महत्व है। इस मंदिर को अब पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की तैयारी चल रही है। चुनाव से पहले बीजेपी की जोर-आजमाइश दरअसल यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को अपनी सरकार के उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है। यह एक्सप्रेसवे यूपी के 9 जिलों से होकर गुजरेगा जिसमें बड़ा हिस्सा पूर्वांचल का है। ऐसे में विकास के साथ-साथ ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं के सहारे बीजेपी 2022 के लिए अपने पक्ष में हवा तैयार कर रही है।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/2YWBmsI
https://ift.tt/3nlMCIh

No comments