Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

BJP ने उत्तराखंड में क्यों खेला 'घस्यारी' योजना का दांव, क्या बदलेगी सियासी तस्वीर?

देहरादून उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले महिला मतदाताओं को ध्यान में रखकर 'मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना' की केंद्रीय गृह मंत्...

देहरादून उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले महिला मतदाताओं को ध्यान में रखकर 'मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना' की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को शुरुआत की। शुरू से ही इस योजना का क्रेडिट लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत के बीच होड़ दिख रही है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस योजना का श्रेय लेने में शामिल हो गए। पुराने अखबारों की खबरों की कतरनें जोड़कर योजना को त्रिवेंद्र सिंह की सौगात बताने संबंधी पोस्टर चारों तरफ देखे गए । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना का श्रेय धन सिंह रावत को दिया, जबकि प्रदेश संगठन कह रहा है कि यह योजना बीजेपी की है। राज्य सरकार देगी खास किट इस योजना के तहत पशुपालक परिवार की हर महिला को राज्य सरकार की ओर से किट दी जाएगी, जिसमें दो कुदाल, दो दरांती, एक पानी की बोतल और एक खाने का टिफिन शामिल होगा। इस किट की कीमत करीब 1500 रुपये होगी। वैसे तो योजना में उत्तराखंड के गांवों में 7771 सहकारी केंद्रों के माध्यम से कम दरों पर चारे की बिक्री की भी बात है, लेकिन राजनीतिक विवाद किट और योजना के नाम को लेकर है। इससे विपक्ष को यह कहने का मौका मिला है कि जब देश-दुनिया की महिलाएं लड़ाकू विमान उड़ाने की तैयारी कर रही है तो उत्तराखंड में बीजेपी महिलाओं को सिर्फ कुदाल और दरांती तक ही सीमित कर देना चाहती है। कांग्रेस के चुनाव अभियान के प्रमुख हरीश रावत का कहना है कि देश की महिलाएं अपने घर के कामों के साथ ही खेत में काम करती हैं, लेकिन उनके काम के आधार पर उन्हें संबोधित नहीं दिया जाना चाहिए। योजना का नाम घस्यारी रखना महिलाओं का अपमान है। रावत ने कहा कि जिस राज्य की पहचान बछेंद्री पाल, जियारानी, तीलू रौतेली, गौरा देवी जैसी महिलाओं से हो, वहां की महिलाओं की पहचान बीजेपी घस्यारी तक सीमित कर देना चाहती है। बीजेपी ने क्यों खेला दांव? योजना को लेकर राजनीतिक विवाद चाहे जो भी है, लेकिन बीजेपी ने जमीनी हकीकत को देखते हुए इस योजना की ओर कदम बढ़ाया है। बीजेपी के एक नेता ने एनबीटी के साथ ऑफ द रेकॉर्ड बातचीत में कहा, 'यह सही है कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। उन्हें बढ़ना भी चाहिए, लेकिन प्रदेश की जमीनी हकीकत यह है कि यहां बड़ी तादाद पशुपालक परिवारों की है। हमने महिलाओं के कल्याण के लिए इस योजना की शुरुआत की है। हमारे राज्य में घस्यारी कोई अपमानजनक शब्द नहीं है। यह सामान्य संबोधन है।' यूपी में प्रियंका गांधी की ओर से 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने के ऐलान का असर उत्तराखंड में भी दिखने लगा है। महिलाएं हाथ से न निकल जाएं इसलिए बीजेपी ने राज्य की सभी सीटों पर महिलाओं को सहप्रभारी बना दिया है। घस्यारी कल्याण योजना से भी बीजेपी को बहुत उम्मीदें हैं। राज्य की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी के प्रमुख आजीविका कृषि और पशुपालन पर निर्भर है। इस वजह से यह योजना गेम चेंजर बन सकती है। दुधारू पशु की प्रजातियों का 80 प्रतिशत से ज्यादा स्वामित्व सीमांत एवं छोटे किसान के पास है, जिनकी आजीविका के मुख्य स्त्रोतों में दुग्ध उत्पादन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है। उम्मीद की एक वजह यह भी वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में महिलाओं की आबादी 49.48 लाख है। राज्य की 71 फीसदी महिला आबादी गांवों की है। राज्य में 64 फीसदी महिलाएं अपने खेतों में कृषि करती हैं, वहीं 8.84 फीसदी महिलाएं दूसरों के खेतों में परिश्रम करती हैं। जनपद अल्मोड़ा में किए गए अध्ययन से पता चला है कि चारा काटने के लिए महिलाओं को 8 से 10 घंटे पैदल चलना पड़ता है। इसकी वजह से उन्हें पीठ, कमर, घुटने और गर्दन में दर्द का सामना करना पड़ता है। सामान्यतः पर्वतीय क्षेत्रों में पशुपालकों द्वारा पारंपरिक चारा उपयोग में लाया जाता है, जिसके केवल 10 से 15 ही मूल पोषक तत्व होते है। पौष्टिक और गुणवत्तायुक्त चारे की कमी से दुग्ध उत्पादन में लगातार कमी आ रही है, जिसके कारण पर्वतीय कृषकों की पशुपालन में रुचि कम हो रही है। पूर्व में एनडी तिवारी सरकार के वक्त राज्य में लाइवस्टॉक डेवलेपमेंट बोर्ड ने पशु चारे के समस्या के हल को लेकर कलसी, ऋषिकेश के श्यामपुर और रुद्रपुर में पचास मीट्रिक टन प्रतिदिन उत्पादन देने वाले कॉम्पेक्ट फीड ब्लॉक के प्लांट लगाए थे। अगर यह योजना लोगों को पसंद आ गई तो इससे राज्य में बीजेपी सत्ता में टिकी रह सकती है।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3EzHGW4
https://ift.tt/3nNmTHL

No comments