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एक रात की भूल से नोएडा बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, जहरीली हुई हवा

नोएडा गाइडलाइन के अनुसार पटाखे प्रतिबंधित थे लेकिन दिवाली की रात जिस रफ्तार से धमाके हुए उसका शोर शुक्रवार सुबह सबके सामने था। नोएडा का व...

नोएडा गाइडलाइन के अनुसार पटाखे प्रतिबंधित थे लेकिन दिवाली की रात जिस रफ्तार से धमाके हुए उसका शोर शुक्रवार सुबह सबके सामने था। नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 475 पर पहुंच गया जोकि 3 नवंबर को 327 पर था। दिवााली के अगले दिन देश में सबसे प्रदूषित शहरों में नोएडा नंबर वन बन गया था। वहीं ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई शुक्रवार को 464 था जो दिवाली से 1 दिन पहले 286 पर था। 48 घंटे में नोएडा का एक्यूआई 148 और ग्रेनो का 178 पॉइंट बढ़ गया। पिछले 5 साल में दिवाली के अगले दिन सबसे ज्यादा प्रदूषण होने का रेकॉर्ड 2021 के नाम चढ़ गया है। देश में सबसे प्रदूषित शहरों में 472, 470, 469 और 464 एक्यूआई के साथ क्रमश: गुड़गांव, गाजियाबाद, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा रहे।

अस्थमा के मरीजों की बढ़ी मुसीबतें इस बार न तो पटाखों का कहीं बाजार लगा था और न ही दुकानों पर पटाखे बेचने की अनुमति थी बावजूद इसके लोगों ने जमकर पटाखे जलाए। यही वजह है कि शुक्रवार को लोगों को घरों में बंद होकर बैठना पड़ा। प्रदूषण की वजह से छाई स्मॉग की चादर से हर ओर धुंधा-धुंधा सा नजर आ रहा था। अजीब की गंध और सांस लेने में लोगों को बैचेनी महसूस हुई। खासकर उन लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं जो अस्थमा के मरीज हैं या फिर पिछले दिनों कोरोना की चपेट में आने से उनके लंग्स अभी तक भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। अब हवा ही बचाएगी जान7 नवंबर से पहले हवा की गति में सुधार के कोई आसार नहीं हैं। दिवाली के कारण इंडस्ट्री, ट्रैफिक और कंस्ट्रक्शन की वजह से होने वाला प्रदूषण कम है क्योंकि लोग त्योहार मना रहे हैं। इस समय प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण पटाखे और दूसरे नंबर पर पराली है। हवा के रुख बदलने से पराली का धुआं भी जिले का प्रदूषण बढ़ाने में शामिल है।


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