Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

नीतीश कुमार के लिए एक बार फिर 'मिथिलांचल के शेर' साबित हुए संजय झा

पटना बिहार में कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में उनकी पार्टी जनता दल युनाइटे...

पटना बिहार में कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में उनकी पार्टी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) का स्ट्राइक रेट सौ फीसदी रहा है। जेडीयू के दोनों प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के तीसरे नंबर की पार्टी के बनने के बाद उपचुनाव में सौ फीसदी के स्ट्राइक रेट से जीत दर्ज करना पार्टी के लिए बेहद खास पल है। ऐसे में देश भर के लोगों में दिलचस्पी होगी कि आखिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की थिंकिंग को किस नेता ने इतनी सटीकता से अमलीजामा पहनाया जिससे उपचुनाव में जेडीयू को इतनी शानदार जीत मिली है। जेडीयू के उपचुनाव की जिम्मेदारी संभालने वाली टीम पर गौर से नजर डालेंगे तो इसका जवाब बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा के रूप में सामने आती है। कुशेश्वरस्थान की जीत है कुछ खासयूं तो तारापुर और कुशेश्वरस्थान दो सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। लेकिन विपक्ष की पूरी कैंपेनिंग पर नजर डालें तो पता चलता है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कुशेश्वरस्थान को लेकर कुछ ज्यादा ही अग्रेसिव रहे। तेजस्वी यादव चुनाव प्रचार के दौरान कुशेश्वरस्थान की कमियों को लगातार सोशल मीडिया और मेन स्ट्रीम मीडिया के जरिए देश के सामने रखकर अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में जुटे थे। तेजस्वी यादव कुशेश्वरस्थान की परेशानियों को उजागर कर सीधे-सीधे नीतीश कुमार की 2005 से चली आ रही सरकार को चुनौती दे रहे थे। इसके अलावा आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव खुद कुशेश्वरस्थान में रैली करने पहुंचे। इतना ही नहीं, काउंटिंग के दिन भी तेजस्वी यादव कुशेश्वरस्थान में ही डेरा जमाए हुए थे। ऐसे में सत्ताधारी दल को इस सीट पर जीत दिलाना मुश्किल रहा। विपक्ष की तिरछी नजर के बीच नीतीश कुमार के खास सिपाही संजय कुमार झा ने कुशेश्वरस्थान में ऐसी रणनीति के तहत काम किया कि जेडीयू के प्रत्याशी अमर भूषण हजारी ने 12 हजार 695 मतों के अंतर से आरजेडी उम्मीदवार गणेश भारती को शिकस्त दे दी। जेडीयू सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कठिन चुनौती आने पर अपने खास सिपहसालार संजय झा को मैदान में उतारते हैं, जिसमें वे अक्सर सफल होते रहे हैं। मंत्री बनने के बाद से बाढ़ ग्रस्त कुशेश्वरस्थान पर है संजय झा का फोकसकुशेश्वरस्थान में जेडीयू के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता बताते हैं कि संजय झा जब से बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री बने हैं तब से उनका इस क्षेत्र पर विशेष फोकस है। संजय झा अपने मंत्रालय के जरिए इस इलाके में कई पुल और बांध का निर्माण करवा रहे हैं। हाल के दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस इलाके का कई बार दौरा कर चुके हैं। संजय झा कुशेश्वरस्थान की जनता से वादा कर चुके हैं कि वह इस इलाके को बाढ़मुक्त बनाने के लिए युद्धस्तर पर काम करवा रहे हैं। इलाके में जिस तरह से काम हो रहे हैं उससे उन्हें पूरा यकीन है कि जल्द ही कुशेश्वरस्थान और इसके आसपास के लोगों को बाढ़ और जलजमाव की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी। पढ़ें: संजय झा की बातों पर क्यों भरोसा करते हैं मिथिलांचल के लोग?नेताओं की बातों पर इस देश में लोग कितना यकीन करते हैं यह बताने की जरूरत नहीं है। लेकिन मिथिलांचल के लोग बिहार सरकार के मंत्री संजय झा पर यकीन करते हैं। दरअसल, संजय झा जब से सक्रिय राजनीति में हैं वह केवल विकास पर हमेशा जोर देते हैं। मिथिला के लोग बातचीत में बताते हैं कि संजय झा के प्रयासों से ही दरभंगा में एयरपोर्ट शुरू हो पाया है। जल्द ही एम्स भी शुरू होने वाला है। नेपाल से आने वाले पानी के प्रभाव को कम करने के लिए बांध मरम्मती के कार्य और कई पुलों के निर्माण जैसे कई ऐसे कार्य संजय झा के प्रयासों से हुए हैं। इन्हीं सब बातों को लेकर मिथिलांचल के लोग इस नेता की बातों पर यकीन करते हैं। इसका सीधा-सीधा फायदा इस इलाके में होने वाले चुनावों में पार्टी को होती है। पढ़ें: 2020 के विधानसभा चुनाव में भी मिथिलांचल में NDA का बजा डंका 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी मिथिलांचल इलाके में नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया था। मधुबनी जिले में विधानसभा की 10 सीटें हैं। इसमें मधुबनी, बिस्फी, राजनगर, लौकहा, बाबूबरही, हरलाखी, फुलपरास, झंझारपुर, बेनीपट्टी और खजौली है। वहीं, फुलफरास, हरलाखी, बाबूबरही, बिस्फी, राजनगर, झंझारपुर, बेनीपट्टी और खजौली में जीत मिली थी। यानी मधुबनी के 10 में से 8 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी। इसके साथ ही दरभंगा जिले में भी विधानसभा की 10 सीटें हैं। इसमें दरभंगा टाउन, दरभंगा ग्रामीण, गौड़ाबराम, बेनीपुर, अलीनगर, बहादुरपुर, जाले, केवटी, कुशेश्वर स्थान और हायाघाट है। वहीं, एनडीए को केवटी, कुशेश्वर स्थान, हायाघाट, जाले, दरभंगा टाउन, अलीनगर, बेनीपुर, गौड़ाबौराम और बहादुरपुर में जीत मिली है। दरभंगा जिले में भी एनडीए को नौ सीटें मिली थी। पढ़ें: मिथिलांचल के दो जिलों में कुल 20 सीटें हैं। इसमें एनडीए गठबंधन 17 सीटें जीतने में सफल हुई थी। माना जाता है कि ब्राह्मण बाहुल्य इस इलाके में संजय झा की पहुंच इस समाज में पहले से रही है। वहीं उनके प्रयासों से इस इलाके में हुए विकास कार्यों के चलते दूसरे समाज के लोग भी नीतीश कुमार के इस सिपाही पर यकीन करते हैं। संजय झा को कौन सी नई चुनौती देंगे CM नीतीश कुमार?संजय झा की कोशिशों से मिथिलांचल में ना केवल जेडीयू, बल्कि पूरे एनडीए के प्रति लोगों को भरोसा जगा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगे संजय झा को कौन सी नई चुनौतीपूर्ण कार्य सौंपते हैं। सीएम नीतीश पहले ही पार्टी के अहम नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंप चुके हैं। जेडीयू में हनुमान कहे जाने वाले राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा चुका है। आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री हैं। वहीं पुराने मित्र उपेंद्र कुशवाहा को भी पार्टी में अहम ओहदा मिल चुका है।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3bCWeb9
https://ift.tt/3EK0nXs

No comments