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'ममता बनर्जी' की TMC विस्तार के बाद 'मिशन नीतीश कुमार', JDU का होगा HAPPY NEW YEAR, नए साल में बिहार कांग्रेस के कई MLA बदलेंगे राजनीतिक पता !

पटना। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा था कि पार्टी के सभी नेता पार्टी को राष्ट्रीय ...

पटना। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा था कि पार्टी के सभी नेता पार्टी को राष्ट्रीय दल बनाने का संकल्प लें। नीतीश कुमार के इस बयान के बाद जेडीयू 2022 में पांच राज्यों में होने वाले के चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश और मणिपुर विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई थी। जेडीयू के इसी विस्तारवादी नीति के तहत बिहार कांग्रेस के 13 विधायक जल्द ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ खड़े नजर आ सकते हैं। दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक बढ़ जाएगी जेडीयू MLA की संख्या ! जेडीयू के सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कमजोर होती कांग्रेस और बिगड़ती छवि की वजह से देशभर में कांग्रेसी नेता अब नया ठिकाना ढूंढ रहे हैं। जेडीयू नेता का दावा है कि जल्द ही बिहार कांग्रेस के 13 विधायक जेडीयू में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि 12 विधायक आज जेडीयू में शामिल होने के लिए तैयार बैठे हैं। उन्होंने बताया कि दो तिहाई विधायक के लिए एक और विधायक की जरूरत है। जेडीयू के सूत्र ने बताया कि 13वें विधायक से भी बातचीत हो चुकी है। संभवत दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक कांग्रेस के 13 विधायक जेडीयू में शामिल हो जाएंगे। दो तिहाई विधायक ही किसी दूसरे दल में हो सकते हैं शामिल दल बदल की स्थिति तब होती है जब किसी भी दल के सांसद या विधायक अपनी मर्जी से पार्टी छोड़ते हैं या पार्टी व्हिप की अवहेलना करते हैं। ऐसी स्थिति में उनकी सदस्यता को समाप्त कर दल बदल निरोधक कानून लागू होता है। लेकिन किसी पार्टी के दो तिहाई सांसद या विधायक एक साथ पार्टी छोड़ते हैं तो उन पर ये कानून लागू नहीं होगा। हालांकि वे अपनी पार्टी नहीं बना सकते लेकिन वो किसी दूसरे दल में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि दल-बदल कानून के तहत पहले ये संख्या एक तिहाई थी। राष्ट्रीय स्तर पर 'मिशन नीतीश' बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू अब बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में 'मिशन नीतीश' अभियान चला रही है। नीतीश कुमार अब राष्ट्रीय नेता बने। इसके लिए जेडीयू अब अन्य राज्यों में संगठन का विस्तार करने की योजना बनाकर 'मिशन नीतीश' की घोषणा कर चुकी है। पार्टी के संसदीय दल के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी कह चुके है कि पूरे देश में 'मिशन नीतीश' चलाया जाएगा। इसके तहत देश में राष्ट्रीय स्तर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व और बिहार के विकास मॉडल को प्रचारित किया जाएगा। बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए का नेतृत्व करने वाली जेडीयू को बिहार और अरुणाचल प्रदेश में राज्य स्तरीय राजनीतिक पार्टी का दर्जा मिला हुआ है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत के साथ लोकसभा में जेडीयू सातवीं सबसे बड़ी पार्टी के रूप में मौजूद है। बता दें कि जनता दल यूनाइटेड का गठन 1999 में जनता दल के शरद यादव गुट, लोकशक्ति पार्टी और समता पार्टी को मर्ज कर किया गया था। बिहार के कीर्ति झा आजाद के बाद मेघालय कांग्रेस 12 विधायक TMC में मेघालय में विपक्षी दल कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए। सवाल है कि क्या हिंदू और हिंदुत्व पर दिए बयान कांग्रेस को भारी पड़ रहा है। क्योंकि हाल के दिनों में कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद, राशिद अल्वी और शशि थरूर समेत कई नेताओं द्वारा हिंदू विरोधी बयान के बाद कांग्रेस की छवि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली बन चुकी है। हिंदू विरोधी बयान देने वाले इन नेताओं को रोकने के बजाय खुद कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने भी इन नेताओं के बयान का समर्थन किया है। ऐसे में कयास यह लगाए जा रहा है कि हिंदू विरोधी बयान के बाद कांग्रेस की छवि बिगड़ने लगी है और बड़े कांग्रेसी नेता अब नया ठिकाना ढूंढने लगे हैं। जानकार मानते हैं कि भागवत झा आजाद के पुत्र कीर्ति झा आजाद का कांग्रेस छोड़ना और मेघालय में विपक्षी दल कांग्रेस के 17 में से 12 विधायकों का TMC में शामिल होना यह दर्शाता है कि आने वाले समय में कई कांग्रेसी नेता भी अपना राजनीतिक पता बदल सकते हैं।


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