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कांग्रेस की आंधी में तीन साल बाद फिर उड़ गई बीजेपी, 2023 की राहें अब 'कमल' के लिए आसान ?

रायपुर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Congress News) में 15 नगरीय निकायों पर हुए चुनाव के नतीजे आ गए हैं। भूपेश बघेल के नेतृत्व में बीजेपी को प्...

रायपुर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Congress News) में 15 नगरीय निकायों पर हुए चुनाव के नतीजे आ गए हैं। भूपेश बघेल के नेतृत्व में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है। 14 निकायों पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है। वहीं, एक पर सिर्फ कमल खिला है। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ में एक कांग्रेस ने एक बार फिर से दमदार प्रदर्शन किया है। तीन साल पहले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की लहर में बीजेपी साफ हो गई है। 90 में से 70 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। निकाय चुनावों में बीजेपी एक बार फिर से कांग्रेस की आंधी में उड़ गई है। तीन साल बाद पार्टी को कतई उम्मीद नहीं थी कि ऐसी हार होगी। इस हार से बीजेपी खेमे के अंदर खलबली मच हुई है। निकायों चुनावों में प्रचंड जीत से कांग्रेस के अंदर भूपेश बघेल को नई शक्ति मिली है। अंदरूनी कलह से जूझ रही कांग्रेस में भूपेश और मजबूत हुए हैं। शहर की सरकार में उन्होंने अपने नेतृत्व का दबादबा एक बार फिर से दिखा दिया है। 2023 की राह अब आसान नहीं 15 सालों तक लगातार छत्तीसगढ़ में राज करने बाद बीजेपी की हालत पतली हो गई है। 2018 में करारी हार के बाद लोकसभा चुनाव में जीत मिली थी। इससे बीजेपी को लगा था कि आगे की राह आसान होगी। प्रदेश में हुए उपचुनावों में भी पार्टी को जीत नहीं मिली। नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी की करारी हार हुई है। इससे 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। निकाय चुनाव के नतीजे यह संकेत हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की लहर बरकरार है। बीजेपी की अड़चनें छत्तीसगढ़ के सियासी जानकारी बताते हैं कि जमीनी स्तर पर पहले की तुलना में बीजेपी संगठन कमजोर हुई है। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में दो उपचुनाव हुए, उनमें भी बीजेपी को हार मिली। साथ ही पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी भी झलककर सामने आते रहती है। इसके साथ ही बीजेपी हर चुनावों से पहले मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करती है। उसका भी छत्तीसगढ़ में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि कुछ महीने पहले तक प्रदेश में बीजेपी धर्मांतरण के मुद्दे को हवा दे रही थी। उसका बहुत ज्यादा असर नहीं दिखा है। ग्रामीण इलाकों में बीजेपी की पकड़ ढीली हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों पर जोर से कांग्रेस को फायदा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भूपेश बघेल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने पर जोर दे रहे हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रहे हैं। ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में गोधन न्याय योजना कारगर साबित हुई है। साथ ही स्थानीय उत्पादों को बड़ा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं। निकाय चुनावों के जो नतीजे आए हैं, उनमें सिर्फ चार नगर निगम ही शहरी क्षेत्र हैं। बाकी के कस्बाई इलाके हैं। ये हैं नतीजे निकाय चुनावों में प्रदेश के चार नगर निगम क्षेत्रों में चुनाव हुए। इनमें भिलाई, रिसाली, भिलाई-चरोदा और बीरगांव है। सभी जगहों पर कांग्रेस को बहुमत है। वहीं, पांच नगर पालिका में से चार पर कांग्रेस को जीत मिली। सिर्फ जामुल में बीजेपी को जीत मिली है। छह नगर पंचायतों में भी कांग्रेस को प्रचंड जीत मिली है। सभी नगर पंचायतों में कांग्रेस के ही अध्यक्ष होंगे। वहीं, प्रचंड जीत पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश के शहरी मतदाताओं ने कांग्रेस पर भरोसा करते हुए एकतरफा जीत दिलाई है। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर संख्या बल कम है, लेकिन वहां भी कांग्रेस का ही मेयर और अध्यक्ष बनेगा। बीजेपी दूर-दूर तक नहीं है। सभी जगहों पर बेहतर परिणाम आए हैं।


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