Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

चाचा शिवपाल के लिए दरवाजे क्यों नहीं खोल रहे अखिलेश? नहीं जा रही 5 साल पहले की टीस

लखनऊ बीते शुक्रवार को समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव झांसी में थे। वहां, एक सिंचाई परियोजना के बहाने चाचा (शिवपाल यादव) का जिक्र करते...

लखनऊ बीते शुक्रवार को समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव झांसी में थे। वहां, एक सिंचाई परियोजना के बहाने चाचा (शिवपाल यादव) का जिक्र करते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने कहा, 'हमारे चाचा के कराए काम का सीएम ने पीएम से उद्घाटन करा दिया।' महज इस जिक्र से शिवपाल के खेमे की उम्मीद एक बार फिर बढ़ गई है। हालांकि, समाजवादी पार्टी के दरवाजे चाचा के लिए कब खुलेंगे इसकी तारीख अब तक अखिलेश ने नहीं बताई है। नजदीकियों का कहना है कि 2016-17 के परि‘वॉर’ की टीस एका में रुकावट बन रही है। तारीखें, अल्टिमेटम पर नतीजा नहीं शिवपाल यादव की एसपी में वापसी या उनकी पार्टी की गठबंधन की कवायद दो साल से भी अधिक समय से चल रही है। कभी, गठबंधन के लिए 100 सीटों की मांग करने वाले शिवपाल अब पार्टी के विलय तक को तैयार हैं। वहीं, अखिलेश यादव भी सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि वह छोर्टी पार्टियों से गठबंधन करेंगे। चाचा के खिलाफ उनकी सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। लेकिन, बात इससे आगे नहीं बढ़ पा रही है। शिवपाल यादव गठबंधन पर फैसला न होने की सूरत में अलग राह चुनने, दूसरे दलों से गठबंधन की कई बार चेतावनी दे चुके हैं। तारीखें भी दे चुके हैं। मसलन, पहले उन्होंने 11 अक्टूबर तक एसपी को फैसला लेने का अल्टिमेटम दिया था। 23 नवंबर को मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर सैफई में शिवपाल ने कहा था कि एक सप्ताह में फैसला नहीं होता तो लखनऊ में बड़ी रैली कर अपनी राह चुनेंगे। यह तारीख भी बीत चुकी है, लेकिन न अखिलेश का बुलावा आया है और न ही शिवपाल फैसला कर पाए हैं। भागीदारी के पहले देख रहे धार! सूत्रों का कहना है कि अखिलेश-शिवपाल की एका की राह आसान नहीं है। 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी में हुए घमासान में रिश्ते इतने बिखरे और हमलों का सुर इतना निजी रहा कि अब तक उसके घाव भरे नहीं है। दूसरे, अखिलेश यादव चाचा के दावों के बीच उनकी धार भी परख रहे हैं। इसलिए, उन्होंने अब तक हां नहीं किया तो ना भी नहीं किया है। यह कवायद जितनी लंबी खिंचेगी, शिवपाल के विकल्प उतने ही सीमित होते जाएंगे और इस विकल्पहीनता का फायदा शर्तों को सीमित करने में मिलेगा। शिवपाल यादव चाहते हैं कि उनके साथ एसपी छोड़कर गए लोगों को भी पार्टी में लिया जाए और टिकट दिया जाए। जबकि, अखिलेश उन लोगों का समायोजन कर पार्टी में ही ‘विपक्ष’ तैयार नहीं करना चाहते। शिवपाल, उनके बेटे आदित्य यादव और एकाध चेहरों को छोड़कर एसपी सीटें साझा करने के मूड में नहीं है। वहीं, इतनी सीमित भागीदारी में शिवपाल यादव को अपना सियासी भविष्य खतरे में दिख रहा है। इसलिए, शिवपाल ने कांग्रेस सहित एकाध और दलों के साथ नाता जोड़ने की संभावनाओं पर काम शुरू कर दिया है। चाचा ‘बनाम’ चाचा शिवपाल यादव की वापसी और समायोजन की कोशिशों में ‘चाचा’ फैक्टर की भी भूमिका मानी जा रही है। अखिलेश यादव के दूसरे चाचा रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव के असहज रिश्ते जग-जाहिर हैं। 2016 में शिवपाल के खेमे में खड़े अमर सिंह ने मुलायम से कहकर रामगोपाल यादव को पार्टी से निकलवा दिया था। इसके बाद रामगोपाल ने अखिलेश की ताजपोशी कर अमर सिंह को पार्टी से निकलवाया और शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष के पद से बर्खास्त करा दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवपाल यादव फिरोजाबाद से रामगोपाल के सांसद बेटे अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव लड़े। जिसमें चाचा-भतीजा दोनों ही हार गए। हाल में ही रामगोपाल यादव पर आधारित किताब के विमोचन में शिवपाल यादव को बुलावा तक नहीं गया। बल्कि, किताब में शिवपाल पर अप्रत्यक्ष हमले जरूर हुए। ऐसे में अखिलेश के खेमे में खड़े रामगोपाल भी शिवपाल की वापसी को लेकर होने वाले फैसले को प्रभावित करने की स्थिति में है। यूं अलग हुई थी राह 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले सरकार और पार्टी में वर्चस्व को लेकर हुए घमासान ने सपा की सत्ता वापसी के सपने को चकनाचूर कर दिया था। हालांकि, अखिलेश सरकार में तो नहीं लौट पाए लेकिन पार्टी के सुप्रीमो बन गए और शिवपाल हाशिए पर चले गए। विधानसभा चुनाव के बाद शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली। उन्होंने इसमें बड़े भाई मुलायम सिंह यादव को भी जोड़ने व उनका समर्थन लेने की कोशिश की। लेकिन, मुलायम शिवपाल के मंच से सपा की तारीफ कर चले आए। 2019 के लोकसभा चुनाव तक शिवपाल और अखिलेश की तल्खी इतनी बढ़ चुकी थी कि शिवपाल ने सपा के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिए थे।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3xVsZL4
https://ift.tt/3dqpJ0N

No comments