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मांझी ने 'सरकार' तक पहुंचाया ब्राह्मण कांड, अब क्या करेंगे नीतीश कुमार?

पटना बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के 'ब्राह्मण कांड' की आंच अब सत्ता तक पहुंचती दिख रही है। पंडितों-ब्राह्मणों के रास्ते अब ...

पटना बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के 'ब्राह्मण कांड' की आंच अब सत्ता तक पहुंचती दिख रही है। पंडितों-ब्राह्मणों के रास्ते अब ये पूरा विवाद बीजेपी बनाम हम हो चुका है। दोनों एक-दूसरे की हैसियत दिखाने पर आमादा हैं। इस झगड़े से अब तक जेडीयू के नेता बचते दिख रहे हैं, मगर इसकी आंच 'सरकार' तक पहुंचती नजर आ रही है। बीजेपी ने दिलाई मांझी के बेटे की कुर्सी की याद सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के दो घटक दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) में जुबानी जंग तेज हो गई है। हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान के सरकार गिराने की धमकी तक दे डाली। बीजेपी के नेता और मंत्री नीरज कुमार बबलू ने पलटवार करते हुए कहा कि केवल चार विधायकों से ही सरकार नहीं चल रही है, सबके समर्थन से एनडीए की सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो हम के प्रमुख के पुत्र भी मंत्री हैं, उनका भी ऐशो आराम समाप्त हो जाएगा। साथ ही नीरज कुमार ने कहा कि दानिश रिजवान समझदार हैं। कोई अगर टीआरपी बढ़ाने के लिए कुछ बोलता है, तो क्या कहना। उन्होंने कहा कि मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता हैं, बुजुर्ग हो गए हैं, उन्हें आराम करना चाहिए। मांझी की सेवानिवृत्त वाली उम्र हो गई है अब घर में बैठकर राम नाम जपना चाहिए, तभी उनका बेड़ा पार लगेगा। नीतीश पर भारी न पड़ जाए BJP-HAM की लड़ाई? बीजेपी नेताओं की नसीहत हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा को रास नहीं आई। जीतन राम मांझी के लिए की गई टिप्पणी पर पार्टी ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया। नेताओं को मर्यादा में रहने की चेतावनी तक दे डाली। नीतीश सरकार से समर्थन वापस लेने तक की बात आ गई। हम के मुख्य प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बिहार के पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मांझी को राजनीति से संन्यास लेने और राम के नाम का नाम जपने का सुझाव दिया गया था, मगर केवल भगवान राम ही उन्हें वह हासिल करने में मदद करेंगे, जो वह चाहते हैं। रिजवान ने कहा कि नीरज कुमार बबलू कौन हैं, जो जीतन राम मांझी को राजनीति से संन्यास लेने और राम का नाम जपने का सुझाव देते हैं। सरकार में हम के चार विधायक हैं। उनके कारण, वह मंत्री बने। यदि इस सरकार से मांझी की पार्टी अपना समर्थन वापस ले लेती है, तो संपूर्ण एनडीए के नेता और मंत्री सड़कों पर होंगे। फिर आप भगवान राम के नाम का जाप करना शुरू कर देंगे। पूर्व सीएम मांझी ने ब्राह्मणों को लेकर क्या कहा था? दरअसल 18 दिसंबर को हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ब्राह्मणों और देवी-देवताओं को गाली देकर विवादों में आ गए। पटना में भुइयां मुसहर सम्मेलन में मांझी ने भाषण के दौरान ब्राह्मणों के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने पंडितों के लिए गाली का इस्तेमाल किया। मांझी ने कहा कि 'आजकल गरीब तबके के लोगों में धर्म की परायणता ज्यादा आ रही है। सत्यनारायण भगवान की पूजा का नाम हम लोग नहीं जानते थे। *&%# (गाली) अब हर टोला में हम लोगों के यहां सत्यनारायण भगवान की पूजा होती है। इतना भी शर्म लाज नहीं लगता है कि पंडित *&%# (गाली) आते हैं और कहते हैं कि कुछ नहीं खाएंगे आपके यहां...बस कुछ नगद दे दीजिए।' मांझी यहीं नहीं रुके भगवान राम के बारे में भी बोले। उन्होंने कहा कि 'राम को हम नहीं मानते हैं, वो आदमी नहीं था। काल्पनिक है वो। विवाद बढ़ने पर पटना के अपने आवास पर सफाई देने आए मांझी ने कहा कि वो ब्राह्मणों को नहीं बल्कि अपने समाज के लोगों के लिए गाली का इस्तेमाल किए थे। मगर कैमरे उन्होंने देवी-देवताओं को भी गालियां दी। इस दौरान कई बार गालियों का इस्तेमाल किए।


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