मेरठ एक समय चोरी की गाड़ियां काटने के लिए कुख्यात रहे मेरठ () के () की तस्वीर बदली हुई है। चोरी के ऑटो पार्ट्स और गाड़ियां बेचने वाले यहां...
मेरठएक समय चोरी की गाड़ियां काटने के लिए कुख्यात रहे मेरठ () के () की तस्वीर बदली हुई है। चोरी के ऑटो पार्ट्स और गाड़ियां बेचने वाले यहां के कबाड़ी यूपी पुलिस की कार्रवाई के बाद 'सही लाइन' पर आ गए हैं। यहां बरसों से दुकान चला रहे व्यवसायियों ने कहा कि यूपी पुलिस की कार्रवाई के बाद उन्हें अपने तौर-तरीके और यहां तक कि व्यवसाय बदलने पर मजबूर होना पड़ा है। दशकों पुरानी कबाड़ की दुकानों पर जहां पहले चोरी के ऑटो पार्ट्स बिकते थे, वहां अब चिकन, फास्ट फूड और कपड़ों की दुकानें खुल गई हैं। कोई ऊनी कपड़े बेच रहा, तो किसी ने खोल लिया रेस्टोरेंट कभी ऑटो-पार्ट्स बेचने वाले एक दुकानदार ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।' दो दशक से टायर कबाड़ की दुकान चला रहे असलम अली ने अब ऊनी कपड़े बेचना शुरू कर दिया है। बिट्टू मियां की रियर-व्यू मिरर शॉप को अब 'अल-शाकिब रेस्टोरेंट' के नाम से जाना जाता है। कई सालों से गाड़ियों के कबाड़ के व्यापार में लगे वाजिद खान अपनी दुकान को अब 'फैशनेबल फुटवियर आउटलेट' में बदलने का प्लान कर रहे हैं। कई दुकानदार जेल में बंद, प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं तारीफ यूपी सरकार ने हाल ही में मेरठ के मार्केट पर बड़ी कार्रवाई की थी। इसकी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की। बाजार बंद करवाने की कार्रवाई के बाद से कई बड़ी दुकानों के मालिक या तो पुलिस के रडार पर हैं या जेल में 12 दिसंबर से बंद हैं। सोतीगंज का यह नाटकीय बदलाव आजकल शहर में चर्चा की वजह बना हुआ है। 'मुझे नहीं पता कि पुलिस हमारे पीछे क्यों पड़ी है'लुधियाना से ऊनी कपड़े खरीदने के लिए दोस्तों से कर्ज लेने वाले असलम ने बताया, 'मेरे पिता ने हमारी टायर पंचर की दुकान तब शुरू की थी जब मैं पैदा हुआ था। 23 साल हो गए। मुझे नहीं पता कि पुलिस हमारे पीछे क्यों पड़ी है...मैंने पिछले साल अपने पिता को खो दिया था और अब मैं छह लोगों के परिवार में अकेला कमाने वाला हूं। मेरी अविवाहित बहनें हैं। मैंने अपनी सारी बचत एक नया व्यवसाय शुरू करने में लगा दी। कुछ पता नहीं है आगे हमारा भविष्य क्या होगा।' छोटे व्यपारी बोले, अपराधियों और पुलिस के बीच हम पिसे छोटे व्यापारियों का कहना है कि वे अपराधियों और पुलिस के बीच फंस गए हैं। एमएस कुरैशी ने कहा, 'मेरे पास कानूनी दस्तावेज और सभी बिक्री और खरीद रिकॉर्ड हैं, फिर भी मेरे पास केवल दो विकल्प थे- या तो अपना व्यापार बदल लूं या जेल चला जाऊं।' कुरैशी अब एक फास्ट फूड आउटलेट चलाते हैं। दुकानदारों का कहना है कि उन पर लगातार नजर रखी जा रही है। अब मांस बेचने वाले मोहम्मद अनवर ने कहा, 'पीएम ने हाल ही में कहा था कि 'सोतीगंज बंद है'। हम अब प्रशासन से नहीं लड़ सकते।'
from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3zbfUO8
https://ift.tt/3pCYua5
No comments