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'डॉन' पप्पू देव की मौत के बाद से गरम है कोसी का माहौल, DIG शिवदीप लांडे कैसे कंट्रोल करेंगे पूरा मामला

सहरसा बिहार में नए साल के ठीक पहले बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। गुरुवार की देर शाम पहले तो कई आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले की सूची जा...

सहरसा बिहार में नए साल के ठीक पहले बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। गुरुवार की देर शाम पहले तो कई आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले की सूची जारी की गयी है। आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर की लिस्ट में बिहार कैडर के चर्चित आईपीएस ऑफिसर शिवदीप लांडे को भी नई पोस्टिंग मिली है। अपनी तेज तर्रार छवि के लिए जाने चर्चित बनाया गया है। शिवदीप लांडे के डीआईजी पद संभालने के साथ ही उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती कोसी क्षेत्र में पप्पू देव की संदिग्ध मौत को लेकर गरम हुए माहौल का शांत करना होगा। पप्पू देव हत्याकांड को लेकर पूरे कोसी इलाके में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच कभी कैंडल मार्च निकाल रहा है तो कभी दूसरी जातीय संगठन के लोग एसपी को ज्ञापन देकर न्याय की मांग कर रहे हैं। भूमिहार ब्राह्मण मंच के संयोजक राजेश कुमार प्रमोद कुमार चुन्नू आदि कई लोगों का कहना है कि पप्पू देव की हत्या साजिश के तहत की गई है। इस मामले में सहरसा की एसपी लिपि सिंह पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। लोगों की मांग है कि पूर्व में भी मुंगेर में एसपी लिपि सिंह ने ही आनंद सिंह के साथ भी ऐसा ही खेल खेला था। ऐसे एसपी पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। कोसी इलाके में क्यों मिल रही है पप्पू देव को इतनी तवज्जो पुलिस हिरासत में अपनी मौत के साथ ही पप्पू देव का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। कोसी इलाके के गली-मुहल्लों में 'डॉन' पप्पू देव के नाम की तूती बोलती थी। 90 के दशक में कोसी के इलाके में पप्पू देव बड़े डॉन के तौर पर उभरा था। उस दौर में पप्पू देव हथियारों के बल पर जुर्म को भी एक इंडस्ट्री के रूप में चला रहा था। पप्पू देव कोसी के इलाके में अपराध का कारोबार चला रहा था। माना जाता था कि कोसी इलाके में जितनी भी किडनैपिंग होती उसमें पप्पू देव की मर्जी जरूर होती थी। कोई छोटा गिरोह वारदात को अंजाम देता तो वह आखिरकार पप्पू देव के नेटवर्क में जरूर पहुंचता था। पप्पू देव का नेटवर्क नेपाल तक था। नकली नोट के कारोबार, अपहरण, लूट और मारपीट-कब्जे की कई वारदातें उसके नाम दर्ज रही हैं। साल 2009 में पप्पू नेपाल की जेल में भी बंद रहा था। पुलिस की ओर से बताया गया है कि कुख्यात पप्पू देव की हिरासत में दिल का दौरा पड़ने से सदर अस्पताल में मौत हो गई। पप्पू देव को पुलिस ने जमीन कब्जे के एक मामले में हिरासत में ले लिया था। कोसी इलाके में पप्पू देव के समर्थक इस तर्क को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। सहरसा की एसपी लिपि सिंह पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने जानबूझकर पप्पू देव की हत्या करवाई है। अफसरों का लिपि सिंह पर ऐक्शन लेना क्यों है मुश्किललिपि सिंह के पिता आरसीपी सिंह केंद्र सरकार में मंत्री हैं। आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी हैं। लिपि सिंह के पति सुहर्ष भगत भी आईएएस अफसर हैं। अक्सर आरोप लगते रहे हैं कि राजनीतिक रसूख के चलते लिपि सिंह का ट्रांसफर नहीं होता है। बिहार के मुंगेर में दुर्गा पूजा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस कार्रवाई से लिपि सिंह चर्चा में रही थीं। आरोप है कि इस घटना में लिपि सिंह एक पुलिस अधिकारी के तौर आदेश देने में लापरवाही बरती। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान इस मामले के गरम होने के बावजूद लिपि सिंह पर आंच नहीं आने दी गई। तेज तर्रार IPS ऑफिसर मनु महाराज के जरिए पूरे मामले को शांत कराया गया।


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