कोलकाता बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान हत्याओं और यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आए थे। इन आरोपों की जांच सीबीआई कर रही है और स...
कोलकाता बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान हत्याओं और यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आए थे। इन आरोपों की जांच सीबीआई कर रही है और सीबीआई जांच की निगरानी खुद कोलकाता हाई कोर्ट कर रहा है। जांच के दौरान सीबीआई ने पाया कि जिन रेप के मामलों की लिस्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भेजी थी, उनमें से 21 मामलों में महिलाओं के साथ रेप या रेप के प्रयास के कोई सबूत नहीं मिले हैं। NHRC की रिपोर्ट में बलात्कार और बलात्कार के प्रयास की 64 कथित घटनाओं की सूची है। सीबीआई ने सोमवार को अदालत को अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने 39 मामले दर्ज किए हैं और चार अन्य की जांच कर रही है। 21 को सबूतों के अभाव में बंगाल पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) को वापस भेज दिया गया है। पहले 10 मामलों में दर्ज हुई चार्जशीट एजेंसी ने कहा कि सबूत न मिलने के कारण ही दो हत्या के मामले भी एसआईटी को वापस भेजे थे। सीबीआई चुनाव बाद हिंसा से संबंधित हत्या या अप्राकृतिक मौत के 52 आरोपों की जांच कर रही है। एजेंसी पहले ही 10 मामलों में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है जबकि 38 और मामले जांच के विभिन्न चरणों में हैं। एनएचआरसी ने 59 हत्याओं की सूचना दी थी, जिनमें से 29 को राज्य सरकार ने स्वीकार किया था। अन्य आपराधिक मामलों की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में एसआईटी गठित की गई थी, इसके साथ 19 अगस्त को सीबीआई जांच शुरू हुई थी। सुप्रीम कोर्ट में ममता बनर्जी सरकार की याचिका पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अगुवाई वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने एनएचआरसी, राज्य सरकार और अन्य सभी आयोगों या समितियों को भी निर्देश दिए कि उनके पास हत्या, रेप या बंगाल चुनाव के बाद हिंसा संबंधी जो भी शिकायतें मिली हैं सभी सीबीआई की सौंपें। एचसी के आदेश को चुनौती देते हुए बंगाल सरकार ने 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 2 मई को आए थे बंगाल चुनाव रिजल्ट आठ चरणों में हुए चुनावों का रिपोर्ट 2 मई को घोषित हुआ। तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत के बाद बलात्कार और हत्या के आरोप सामने आए। एनएचआरसी और राष्ट्रीय महिला आयोग सहित अधिकारों के लिए काम करने वाले कई निकायों ने जांच के लिए अलग-अलग टीमें भेजीं। तृणमूल ने बार-बार आरोपों का विरोध किया है और निकायों पर भाजपा की टीम होने का आरोप लगाया। 5000 में 1650 शिकायतें सात सदस्यीय NHRC समिति ने दावा किया था कि लगभग 5,000 पीड़ितों से जुड़ी लगभग 1,650 शिकायतें मिली हैं। महिलाओं पर अत्याचार से संबंधित 75 शिकायतें अकेले एनसीडब्ल्यू में दर्ज की गईं। राज्य पुलिस ने एनएचआरसी को रेप और कथित रेप की 12 शिकायतों की जानकारी दी थी। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति केसांग डोमा भूटिया की खंडपीठ 24 जनवरी को मामले की फिर से सुनवाई करेगी।
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