Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

यूक्रेन में बिगड़े हालातों के बाद पैंरेंट्स की बढ़ी चिंता, भीलवाड़ा में बैठे पिता ने बताया दर्द

प्रमोद तिवारी, भीलवाड़ा: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स चिंतित है। इसी तरह भीलवाड़ा के मेडिकल...

प्रमोद तिवारी, भीलवाड़ा:रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स चिंतित है। इसी तरह भीलवाड़ा के मेडिकल स्‍टूडेंट्स की चिंताऐं भी बढ़ी है। वहीं उनके परिजन की निगाहें भी रात-दिन टीवी पर टिकी रहती है। उम्मीदें यही है कि हालात सामान्‍य हो और हमारे बच्‍चे सकुशल घर लौटे। भीलवाड़ा के बापूनगर में रहने वाले मेल नर्स राजकुमार शर्मा और उनके परिजनों का भी यही हाल है। यह टकटकी लगाये यूक्रेन और रूस के युद्ध की खबरों को देखते रहते है। यूक्रेन के हालत कैसे हैं, इसे लेकर खुद राजकुमार शर्मा ने नवभारत टाइम्स को इस संबंध में जानकारी दी। भीलवाड़ा के 10 मेडिकल स्‍टूडेंट, वहां स्टेट यूनिवर्सिटी में कर रहे हैं स्टडी राजकुमार शर्मा के बेटे गौरव शर्मा गुरूवार सुबह चरनीबिल्‍ली से टेक्‍सी लेकर फ्लाइट पकडने के लिए किव पहुंचा था, मगर हवाई अड्डा बन्‍द होने से उन्‍हे तत्‍काल किव छोडने के लिए कहा गया। भीलवाड़ा के 10 मेडिकल स्‍टूडेंट यूक्रेन के यूकोविनाई के स्‍टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र है। गौरव शर्मा के माता-पिता बस यही कहते है कि हम तो बस यही चाहते है कि हमारे ही नहीं, सारे बच्‍चे सकुशल अपने घर लौट आये। भारतीय दूतावास बच्‍चों को वहां से सु‍रक्षित लाने की व्‍यवस्‍था करें। यहां हम सभी बहुत ही टेंशन में है। हम भारतीय सरकार से उम्‍मीद रखते है कि वे जल्‍द ही कार्यवाही करेगी। पिता की सरकार से अपील, सभी बच्चों को जल्द से जल्द बाहर निकालें गौरव के पिता राजकुमार शर्मा कहते है कि हम राजस्‍थान सरकार द्वारा भारतीय सरकार से निवेदन कर रहे है कि सभी बच्‍चों को यहां सुरक्षित लावें। यहां 18 से 20 हजार बच्‍चे फंसे हुए है। भीलवाड़ा के 19 बच्‍चे वहां पढते है और 3 पहले आ गये थे। दो कल आये है व अभी भी 14 बच्‍चे वहां है। उनके सभी के परिजन चिंतित है। राज्‍य सरकार किसी भी तरह भारत सरकार पर दबाव बनाकर राजस्‍थान ही नहीं, भारत के सभी बच्‍चों को किसी भी रास्‍ते से सुरक्षित निकालकर लाना चाहिए। इससे पहले भी कभी भी कोई तकलीफ हुई हमारी सरकार ने उन्‍हें वापस लेकर आये है। 23 हजार का टिकट 65 हजार रूपये, नहीं मिल रही फ्लाइटराजकुमार शर्मा ने कहा कि हमने भी प्रयास किये थे, मगर किराया इतना बढ गया कि हम तय नहीं कर पा रहे थे । हमने 23 हजार की 65 हजार रूपये देकर टिकट करवाया था ,मगर अब एयरबेस बन्‍द हो गया। लेकिन बच्चे की चिंता के चलते हम प्रयास में जुटे हैं। सरकार से भी चाहते हैं कि जल्द समस्या का समाधान करवाने की कोशिश करें। शर्मा ने कहा कि प्रयास यह होने चाहिए की सभी बच्‍चे सुरक्षित वापस आ जाये उन्‍हे किसी भी तरह की कोई तकलीफ ना हो। इस मिशन को जल्‍द से जल्‍द पूरा करें। 2,4 और 5 मार्च के टिकट इन बच्‍चों के हो रखे है, मगर जब प्‍लेन ही नहीं आ रहे तो वह कैसे आयेगें।


from Local News, लोकल न्यूज, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, state news in hindi, राज्य समाचार , Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/1lKiyXx
https://ift.tt/yr3Gj04

No comments