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Bhagalpur Blast : लीलावती के खानदानी पेशे को आजाद ने बनाया आतंकी! पटाखे के बारूद से बम बनाने का काम आजाद से दोस्‍ती के बाद..

पटना : जब से लीलावती की दोस्‍ती आजाद से हुई तब से वह अपने पुश्‍तैनी पटाखा बनाने के धंधे से बम बनाने के धंधे में चली आई। मिली जानकारी के अ...

पटना : जब से लीलावती की दोस्‍ती आजाद से हुई तब से वह अपने पुश्‍तैनी पटाखा बनाने के धंधे से बम बनाने के धंधे में चली आई। मिली जानकारी के अनुसार लीलावती उस परिवार से थी जिनका पुश्‍तैनी धंधा पटाखे बनाना था। लीलावती का परिवार बच्‍चों के लिए छोटे मोटे पटाखे बनाकर जीवन यापन करता था। बताया जा रहा है लीलावती ने पटाखे के बारूद से बम बनाने का काम आजाद से दोस्ती के बाद शुरू किया था। आजाद ने एक पटाखा बनने वाली लीलावती के साथ मिलकर उसके पटाखा बनाने के धंधे को बम बनाने के धंधे में तब्‍दील कर इसमें एक बड़ा इन्वेस्टमेंट किया था। आजाद बारूद लाने से लेकर तैयार माल की सप्‍लाई तक में अहम रोल अदा करता था। फिलहाल पुलिस आजाद की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है। बारूद ढोने में होता था बच्‍चोंं का प्रयोग!जब इस मामले की छानबीन की गई तो एक और चौकाने वाला तथ्‍य सामने आता नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि बारूद लाने के काम में दिव्यांग और नाबालिग बच्चों को भी लगाया जाता था। ताकि किसी को उन पर शक न हो। खास बात ये है कि इस मुद्दे पर कोई भी खुलकर सामने आने को तैयार नहीं है। इलाके में इस बात की चर्चा है कि बारूद लाने के काम में स्‍कूली बच्‍चे लगाए जाते थे। हालांकि एनबीटी ने इन तथ्‍यों के आधार पर सबूतों को लताशने की कोशिश की मगर पहचान के साथ इस सत्‍य को किसी ने भी स्‍वीकार नहीं किया। इसलिए ये तथ्‍य फिलहाल जांच का विषय हैं। आंखों में धूल झोंकने के लिए आजाद ने खोल रखी थी वेल्डिंग की दुकानपुलिस की ओर से शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ है कि स्‍थानीय लोगों की नजरों में धूल झोंकने के लिए यहां वेल्डिंग और ग्रिल बनाने का काम किया जाता था। इसके अलावा डिस्पोजेबल कप प्लेट का कारोबार भी किया जाता था। सूरज ढ़लने के बाद यहां देसी बम तैयार करने का काम शुरू हो जाता था। मिली जानकारी के अनुसार रात के अंधेरे में ही बम बनाकर सुबह 4 बजे तक डिलीवरी भी कर दी जाती थी। ताकि किसी को पता न चले। पुलिस ने कहा अंतिम कड़ी तक होगी जांचएसएसपी बाबूराम के बयान के अनुसार पुलिस इस मामले की जांच गंभीरता से कर रही है। SIT और ATS की टीम जांच में लगी हुई है। पुलिस बम सप्‍लाई के उस कड़ी तक पहुंचने की कोशिश कर रही है जहां इन बमों का प्रयोग किया जाता था या किया जाना था। पुलिस उन पहलुओं पर भी काम कर हरी है कि धातक किस्‍म के देसी बम बनने का काम शब-ए-बारात से समय शुरू हुआ या बमों का निर्माण अगर लंबे समय से चल रहा था तो क्‍या इनकी सप्‍लाई नक्सलियों तक की जाती थी! वहीं, DM सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।


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