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गंगा से पवित्र जल लेकर जल पात्र चढ़ाने की थी 400 वर्ष पुरानी परंपरा, कोविड के कारण टूटी

अंग क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन स्थल व तांत्रिक शक्ति सिद्धि पीठ के नाम से प्रसिद्ध पूर्वी बिहार का सबसे बड़ा दुर्गा मंदिर प्रथम पुजा को भी ...

अंग क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन स्थल व तांत्रिक शक्ति सिद्धि पीठ के नाम से प्रसिद्ध पूर्वी बिहार का सबसे बड़ा दुर्गा मंदिर प्रथम पुजा को भी मां भगवती का दरबार इस नवरात्रि में सुना सुना रहा। पिछले पांच दशकों से तिलडीहा मंदिर में शारदीय नवरात्रा में पहली पूजा और अष्टमी को गंगा जल सहित जलपात्र चढ़ाने की परंपरा इस बार कोरोना काल एवं आदर्श आचार संहिता के कारण टूट गया।

तिलडीहा दुर्गा मंदिर में अष्टमी को श्रद्धालुओं की भीड़ की आशंका देख शुक्रवार की आधी रात से ही पुलिस-प्रशासन सजग होकर तिलडीहा मंदिर आने वाले सभी मुख्य मार्ग को सील कर दिया था। दूसरी ओर मुंगेर जिला के तारापुर प्रशासन ने गोगाचक नहर मोड़ पर बैरिकेडिंग कर मार्ग बंद कर दिया।

इसके पूर्व ही प्रशासन ने तिलडीहा दुर्गा मंदिर को कपड़ा से घेराबंदी कराकर सील कर दिया था। सुबह सुल्तानगंज से श्रद्धालुओं की जत्था जलाभिषेक करने पहुंचे, लेकिन प्रशासन ने तिलडीहा दुर्गा मंदिर से एक किमी दूर ही बैरंग लौटा दिया। श्रद्धालु भी मंदिर से एक किमी दूर जलाभिषेक कर घर लौटते दिखे।

इस बार सूना रहा मां का दरबार

तिलडीहा दुर्गा मंदिर की विशेषता यह है कि यहां एक ही मेंढ़ पर मां भगवती के साथ साथ कृष्ण काली, सरस्वती, लक्ष्मी, कार्तिक व गणेश के साथ साथ भगवान शंकर की प्रतिमा स्थापित किया जाता है। जो गिने चुने स्थानों पर है। इस मंदिर में मां भगवती का खड़ग, अड़धा, व चक्र व गदा काफी प्राचीन काल का है। मंदिर के गर्भगृह की जमीन व प्रतिमा पिंड आज भी मिट्टी के ही है। जिससे प्रत्येक वर्ष पहली पूजा को लाखों श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगा जल भरकर पैदल ही तिलडीहा मां के दरबार में पहुंचकर जल सहित जलपात्र चढ़ाते थे, लेकिन इस बार मां भगवती का दरबार सूना रहा।

दशमी के दिन मूर्ति का करें विसर्जन

शंभूगंज में सभी दुर्गा मंदिर में किसी भी पूजा समिति को अनुज्ञप्ति नहीं दी गई है। इसके अलावे सभी को सरकार द्वारा जारी प्रोटोकॉल को लेकर निर्देश दी गई है कि हर हाल में दशमी पूजा के दिन मूर्ति विसर्जन करें। -उमेश प्रसाद, थानाध्यक्ष, शंभूगंज



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400 years old tradition of offering holy water from Ganga to water vessel, broken due to Kovid


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