जिले में ठंडक ने दस्तक दे दी है। पिछले 4 दिनों से धीरे-धीरे हवा चलने से तापमान में भारी गिरावट आई है। जिससे ठंड भी बढ़ गई है। सुबह में सड़कों...

जिले में ठंडक ने दस्तक दे दी है। पिछले 4 दिनों से धीरे-धीरे हवा चलने से तापमान में भारी गिरावट आई है। जिससे ठंड भी बढ़ गई है। सुबह में सड़कों पर कुहासा लगना शुरू हाे गया है।
तापमान के बदलाव के कारण सर्दी जुकाम व बुखार का खतरा बढ़ गया है। पिछले 4 दिनों के तापमान को देखे तो रविवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 20 डिग्री रहा।
सोमवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 20 डिग्री था। वहीं, मंगलवार को पारा 2 डिग्री और लुढ़क गया। मंगलवार को जहां अधिकतम तापमान 28 डिग्री रिकार्ड किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 18 डिग्री रहा। बुधवार को न्यूनतम तापमान गिरकर 14 डिग्री पर चला गया।
अस्पताल में भी वायरल फीवर के मरीज की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। जहां पहले प्रतिदिन अस्पताल में मुश्किल से 200 से 250 मरीज पहुंचते थे। वहीं अभी पांच सौ से अधिक मरीज प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहें है। डा चंदन कुमार ने बताया कि मौसम में हुए अचानक बदलाव के कारण लोग सर्दी जुकाम व बुखार के चपेट में आ रहे है । वर्तमान समय में कोरोना का प्रकोप चल रहा है। लोगों को अभी लापरवाही बरतने से परहेज करना चाहिए। घर से गर्म कपड़े पहन के ही बाहर निकलना चाहिए। बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए।
ला नीनो इफैक्ट के कारण ज्यादा सर्दी पड़ने के आसार
इस वर्ष पिछले साल के मुकाबले ज्यादा सर्दी पड़ने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक अशोक पंडित ने बताया कि इस वर्ष कमजोर ला नीना की स्थिति बन रही है। ला नीनो (समुन्द्र से आने वाली ठंडी हवा) के इफैक्ट के कारण इस वर्ष पिछले साल के मुकाबले ज्यादा सर्दी पड़ने के आसार बन रहे है। उन्होंने कहा कि लोगों में आम धारणा है कि जलवायु में परिवर्तन से तापमान बढ़ता है। लेकिन यह सही नहीं है। जलवायु परिवर्तन से मौसम में बदलाव होता है। श्री पंडित ने कहा कि मौसम का रूख तय करने में ला नीना और एल नीनो का अहम रोल होता है।
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