नोएडा 12वीं के बोर्ड एग्जाम कैंसल होने के बाद गुरुवार को सीबीएसई ने साफ कर दिया कि इस बार किस आधार पर स्टूडेंट्स का रिजल्ट जारी किया जाएग...

नोएडा 12वीं के बोर्ड एग्जाम कैंसल होने के बाद गुरुवार को सीबीएसई ने साफ कर दिया कि इस बार किस आधार पर स्टूडेंट्स का रिजल्ट जारी किया जाएगा। रिजल्ट जारी करने का जो तरीका निकाला गया है उससे कुछ पैरंट्स और छात्रों को धक्का लगा है। वहीं, स्कूलों का कहना है कि इससे बेहतर तरीका रिजल्ट जारी करने का फिलहाल हो नहीं सकता है। तीन साल की परफार्मेंस के आधार पर रिजल्ट तैयार होगा। पहले स्कूल अपना डमी रिजल्ट तैयार करेंगे। इसके बाद 15 जुलाई तक उसे वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। हाईस्कूल और 11वीं को हल्के में लेने वालों के पसीने छूटे मानक तय होने से सबसे ज्यादा तनाव में वह छात्र आ गए हैं जिन्होंने हाईस्कूल और 11 वीं के रिजल्ट को हल्के में लिया था और 12 के बोर्ड एग्जाम के लिए मन लगाकर तैयारी कर रहे थे। 11वीं के रिजल्ट को अक्सर कई छात्र इसलिए हल्के में ले लेते हैं क्योंकि ज्यादातर छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग जॉइंन कर लेते हैं और हाईस्कूल के एग्जाम को लेकर अब लोगों में पहले जैसी गंभीरता नहीं है। इसलिए पूरा फोकस 12वीं के बोर्ड एग्जाम पर रहता है। जिले में सीबीएसई के 190 स्कूल हैं। इनमें से करीब 125 स्कूल ऐसे हैं जो कि 12 वीं तक के हैं। जानकारी के मुताबिक करीब 60 हजार से ज्यादा छात्रों को इस बार जिले से सीबीएसई के बोर्ड एग्जाम में बैठना था। इन मानकों के आधार पर जारी होगा रिजल्ट 12 वीं का रिजल्ट जारी करने के लिए सीबीएसई ने जो मानक तय किए हैं उनमें हाईस्कूल का 30 प्रतिशत, 11 वीं का 30 प्रतिशत और 12 के रिजल्ट का 40 प्रतिशत रिजल्ट मिलाकर बोर्ड का रिजल्ट जारी किया जाएगा। इनमें प्रैक्टिकल के अंकों को अलग रखा गया है। केवल थ्योरी बेस्ड रिजल्ट जारी करने के लिए यह मानक बनाया गया है। जो छात्र अपने रिजल्ट से संतुष्ट न हो उनके लिए बाद में बोर्ड एग्जाम में भी बैठने का विकल्प दिया गया है। क्या कहते हैं स्कूल, पैरंटस और छात्र जो तरीका 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी करने का निकाला गया है उससे मैं बेहद संतुष्ट हूं। मौजूदा हालात के हिसाब से इससे बेहतर विकल्प रिजल्ट तैयार करने के लिए हो नहीं सकता था। इससे रियलिटी के बेहद करीब रिजल्ट तैयार हो सकेगा। आशा प्रभाकर, प्रिंसिपल बाल भारती स्कूल इस बार रिजल्ट तैयार करना स्कूलों के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। बच्चे का तीनों साल का रेकार्ड स्कूलों के पास है। डमी रिजल्ट तैयार होने के बाद थोड़ा अंदाजा हो पाएगा रिजल्ट कैसा रहने वाला है। इस माहौल में यह बिल्कुल सही तरीका है। मूलचंद चौधरी, चेयरमैन सिटी पब्लिक स्कूल जिन बच्चों का हाईस्कूल और 11 वीं का रिजल्ट किसी वजह से बेहतर नहीं आ पाया उनके साथ अन्याय होने वाला है। 11वीं और 12वीं में भी बच्चों के ऑनलाइन एग्जाम के आधार पर ही रिजल्ट तैयार किया गया था। बोर्ड एग्जाम भी ऑनलाइन हो सकता था। सल्तनत, पैरंट्स लंबे समय तक इंतजार करने से अच्छा है कि रिजल्ट आ जाए। कम से कम आगे की पढ़ाई तो समय से शुरु कर सकेंगे। ज्यादातर छात्रों के हिसाब से यह मानक अच्छे हैं। जिन्हें लगता है कि वह इससे बेहतर रिजल्ट ला सकते थे वह बोर्ड एग्जाम दे सकते हैं। मानसी, छात्र 12वीं
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