वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जापान और भारत की दोस्ती का नायाब नमूना रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर बनकर तैया...

वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जापान और भारत की दोस्ती का नायाब नमूना रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर बनकर तैयार हो गया है। इसके लिए जापान ने 186 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है। इसमें जापानी और भारतीय वास्तु शैलियों का संगम दिखता है। इसकी नींव दिसंबर 2015 में जब जापान के पीएम शिंजो अबे का भारत दौरा हुआ तभी पड़ गई थी। इस दौरान उन्होंने भारत को बुलेट ट्रेन की सौगात दी तो वाराणसी में जापान के सहयोग से रुद्राक्ष नाम के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर की सौगात देकर रिश्तों को धरातल पर उतार दिया। 1200 क्षमता, सांस्कृतिक आयोजनों के लिए परफेक्ट प्लेस रुद्राक्ष के बनने से शहर में सांस्कृतिक और प्रवासी भारतीय दिवस जैसे वैश्विक आयोजनों के लिए जगह की कमी नहीं रहेगी। इसके अलावा प्रदर्शनी और मेलों के साथ ही पर्यटन व कारोबार से जुड़े सरकारी आयोजन भी यहां आसानी से हो सकते हैं। इस सेंटर में एक साथ 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। हाल को लोगों की संख्या के मुताबिक दो हिस्सों में बांटने की व्यवस्था है। पूर्णत: वातूनुकुलित सेंटर में बड़े हॉल के अलावा 150 लोगों की क्षमता का एक मीटिंग हाल है। इसके अतिरिक्त यहां एक वीआइपी कक्ष और चार ग्रीन रूम भी हैं। बाहरी हिस्से में 108 रुद्राक्ष, छत शिवलिंग आकार में दिव्यांगजनों की सुविधा की द्दष्टि से पूरे परिसर को सुविधाजनक बनाया गया है। खास बात यह है कि सेंटर की छत शिवलिंग के आकार में निर्मित है। सेंटर के बाहरी हिस्से में 108 सांकेतिक रुद्राक्ष लगे हैं, जो एल्युमिनियम के बने हैं। तीन एकड़ में तैयार कन्वेंशन सेंटर परिसर में जापानी शैली का गार्डन और लैंडस्केपिंग की गई है। पार्किंग सुविधा संग सीसीटीवी कैमरे हैं। सौर ऊर्जा की भी व्यवस्था की गई है। शिवलिंग की आकृति वाला वाराणसी कन्वेंशन सेंटर जिसका नाम शहर के मिजाज के अनुरूप रुद्राक्ष है। रुद्राक्ष को जमीन पर उतारने में जापान का बड़ा योगदान रुद्राक्ष को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने फंडिंग किया है। डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है और निर्माण का काम भी जापान की फुजिता कॉरपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है। रुद्राक्ष में छोटा जैपनीज गार्डन बनाया गया है। 110 किलोवॉट की ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगा है। वीआईपी रूप और उनके आने-जाने का रास्ता भी अलग से है। रुद्राक्ष को वातानुकूलित रखने के लिए इटली के उपकरण लगे है। दीवारों पर लगे ईंट भी ताप को रोकते और कॉन्क्रीट के साथ फ्लाई ऐश का भी इस्तेमाल किया गया है। निर्माण और उपयोग की चीजों को देखते हुए ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट की ओर से रुद्राक्ष को ग्रेडिंग तीन मिली है। रुद्राक्ष में कैमरा समेत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है। आग से भी सुरक्षा के उपकरणों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
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