नई दिल्ली केंद्र सरकार में जेडीयू के शामिल होने के बाद अब पार्टी में संगठन में बदलाव की भी चर्चा उठने लगी है। फेरदबल के बाद पार्टी के राष...

नई दिल्ली केंद्र सरकार में जेडीयू के शामिल होने के बाद अब पार्टी में संगठन में बदलाव की भी चर्चा उठने लगी है। फेरदबल के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह मंत्री बन गए हैं। अब एक व्यक्ति, एक पद का हवाला देकर पार्टी में नए अध्यक्ष की भी तलाश शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार अगले एक महीने के अंदर पार्टी को नया अध्यक्ष मिल सकता है। जब नीतीश ने दिया था इस्तीफा तो आरसीपी सिंह बनाए गए पार्टी अध्यक्षनीतीश कुमार ने पिछले साल 27 दिसंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद आरसीपी सिंह इस पद पर नियुक्त हुए थे। तब नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के कमजोर प्रदर्शन की भी जिम्मेदारी ली और कहा कि वह सीएम की भी जिम्मेदारी के कारण पार्टी पर अधिक फोकस नहीं कर पा रहे थे। जेडीयू अध्यक्ष पद के लिए उपेंद्र कुशवाहा का नाम सबसे आगेसूत्रों के अनुसार, उपेंद्र कुशवाहा अध्यक्ष पद की होड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। उन्होंने अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी का जेडीयू में विलय किया था। इस संभावना पर चर्चा तब और तेज हुई जब जेडीयू के सीनियर नेता ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच मुलाकात हुई। हालांकि जेडीयू में एक वर्ग है जिसका मानना है कि अगर उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी का शीर्ष पद दिया जाता है तो पुराने नेताओं के बीच संदेश अच्छा नहीं जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट में एक मंत्री पद को लेकर जेडीयू में चुप्पीउधर बुधवार को हुए केंद्र सरकार में हुए कैबिनेट फेरदबल में जेडीयू को सिर्फ एक मंत्री पद मिलने के बाद अभी भी नेता इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार कैबिनेट में कम से कम 4 मंत्री पद मांग रहे थे लेकिन उन्हें सिर्फ एक पद मिला। आरसीपी सिंह को स्टील मंत्रालय मिला। अभी तक नीतीश कुमार ने इस बारे में बात नहीं की है। हालांकि फेरदबल के दिन उन्होंने इस मामले में सारी जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के जिम्मे तय कर दी थी। सूत्रों के अनुसार पार्टी में कुछ नेताओं में इस फैसले को लेकर हैरानी और नाराजगी भी है। चिराग पासवान-मुकेश सहनी की मुलाकात उधर बिहार में एलजेपी के एक धड़े का नेतृत्व कर रहे चिराग पासवान की एनडीए सहयोगी दल वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी से मुलाकात के बाद भी सियासी चर्चा गरम है। सहनी की पार्टी के 5 विधायक हैं। हालांकि दोनों नेताओं ने इस मुलाकात को सामान्य बताया, लेकिन जिस तरह चिराग अपनी ही पार्टी में बगावत के बाद राज्य में सक्रिय हुए हैं उससे एनडीए की उनकी हर गतिविधि पर नजर है।
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