पटना लोक जनशक्ति पार्टी में विरासत की लड़ाई जारी है। ने एक बार फिर अपने चाचा पर आरोप लगाया कि उन्होंने पार्टी और परिवार को तोड़ा है। पार्...
पटना लोक जनशक्ति पार्टी में विरासत की लड़ाई जारी है। ने एक बार फिर अपने चाचा पर आरोप लगाया कि उन्होंने पार्टी और परिवार को तोड़ा है। पार्टी उनके (चिराग) के पास ही रहेगी। 'मंत्री बनने के लिए पार्टी और परिवार को तोड़ा' पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने कहा कि 'मंत्री बनने के लिए उनको (पशुपति पारस) ढेर सारी शुभकामनाएं, इसके लिए उन्होंने पूरे परिवार और पार्टी को तोड़ा। ये पार्टी पापा के खून-पसीने से बनाई हुई है, पार्टी मेरे पास रहेगी और जो जनसमर्थन मुझे मिल रहा है, वो मेरा मनोबल बढ़ाता है।' दिल्ली हाईकोर्ट चिराग को लगा था झटका इससे पहले चिराग पासवान की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार को खारिज हो गई थी। चिराग की ओर से दायर याचिका में कहा था कि पार्टी विरोधी गतिविधियों और शीर्ष नेतृत्व को धेाखा देने की वजह से राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते पशुपति कुमार पारस को पार्टी से निकाला जा चुका है। इस वजह से वे एलजेपी के सदस्य नहीं हैं। चिराग ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें उनके चाचा केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस के गुट को मान्यता दी है। पहली बार 'बड़ी मां' से मिले चिराग चिराग पासवान अपनी जड़ों को मजूबत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। हाजीपुर में उन्होंने रामविलास पासवान की जयंती के मौके पर आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत की। शुक्रवार को वो अपने पैतृक गांव खगड़िया के शहरबन्नी में थे। अपनी पहली मां राजकुमारी देवी से मिलकर भावुक हो गए। उन्होंने करीब आधे तक मुलाकात की। इस दौरान राजकुमारी देवी ने चिराग को मिठाई खिलाई और माला पहनाकर जीवन में सफल होने का आशीर्वाद दिया। वहीं, चिराग ने राजकुमारी देवी को अपने हाथ खीर खिलाया। चिराग ने मां को आश्वस्त किया कि वो समय निकालकर अपने गांव आते रहेंगे। पिता के धरोहर को वो कभी नहीं भूलेंगे।
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