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हिमाचल: लैंडस्लाइड में 'गायब' बस का कोई पता नहीं, अब तक 10 शव मिले...रेस्क्यू ऑपरेशन रुका

किन्नौर/शिमला हिमाचल प्रदेश के किन्नौर () में बुधवार को हुए लैंडस्लाइड में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हादसे में घायल 13 ...

किन्नौर/शिमला हिमाचल प्रदेश के किन्नौर () में बुधवार को हुए लैंडस्लाइड में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हादसे में घायल 13 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है। हालांकि हादसे का शिकार हुई एचआरटीसी की बस का हादसे के करीब 11 घंटों बाद भी अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। उधर अंधेरे के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन भी रोकना पड़ा है। अब गुरुवार तड़के रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा शुरू होगा। जानकारी के मुताबिक, हिमाचल के रेकॉन्ग पिओ से बस उत्तराखंड के हरिद्वार जा रही थी। बस में करीब 40 यात्री सवार थे। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी आईटीबीपी टीम के मुताबिक, किन्नौर में भूस्खलन वाली जगह पर सड़क को साफ करने के बाद भी बस का कोई पता नहीं चला है। आईटीबीपी की टीमें बस को खोजने के लिए कई दिशाओं से नदी की ओर गईं, मगर अब तक कोई कामयाबी नहीं मिली है। माना जा रहा है कि बस का पता लगने के बाद मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। हरिद्वार जा रही थी बस, सवारियों की संख्या साफ नहीं हादसे का शिकार हुई बस किन्नौर के जिला मुख्यालय रेकॉन्ग पिओ से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी। रेकॉन्ग पिओ से 61 किमी दूर निगुलसारी के पास हाइवे के एक बड़े हिस्से पर भूस्खलन बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे के आसपास भूस्खलन हुआ। हादसे की चपेट में बस समेत कई गाड़ियां आ गई थीं। शुरुआत में बस में सवार यात्रियों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं थी, बाद में बताया गया कि बस में करीब 40 यात्री सवार थे। हालांकि बस में असल में कितने लोग थे, यह अभी भी साफ नहीं हो पाया है। IG ने बताया, ट्रैफिक के लिए खोला गया हाइवे, रेस्क्यू ऑपरेशन बंदहिमाचल पुलिस में आईजी हिमांशु मिश्रा हादसे के बाद से लगातार ट्वीट कर अपडेट्स दे रहे हैं। बुधवार रात उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'अब तक लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। हादसे में घायल हुए 13 लोगों को इलाज दिया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल रुक गया है और अब गुरुवार सुबह शुरू हो सकेगा। NH-5 को ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है। भूस्खलन की चपेट में आई बस का अभी पता नहीं लग पाया है।' टाटा सूमो से मिले सबसे ज्यादा 8 शवहिमाचल प्रदेश स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के मुताबिक, एचआरटीसी बस और यात्री अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। घटनास्थल पर ड्रोन से भी सर्च अभियान चलाया गया। मलबे में एक टाटा सूमो गाड़ी में सबसे ज्यादा शव मिले हैं। अकेले इस गाड़ी से आठ शव निकाले गए और मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। आठ मृत लोगों की पहचान किन्नौर के सांगला तहसील के सपनी निवासी दो वर्षीय बच्ची वंशुका, मीरा देवी, नितीशा, प्रेम कुमारी (42), ज्ञान दासी, देवी चंद (53), सभी किन्नौर जिले से और सोलन के रेचुटा गांव के कमलेश कुमार (34) के तौर पर हुई है। प्रधानमंत्री ने सीएम जयराम ठाकुर से की बातउधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किन्नौर हादसे पर गहरा दुख जताया है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से फोन पर बात करके वहां के हालात के बारे में जाना। प्रधानमंत्री ने केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। मोदी ने ट्वीट किया, 'किन्नौर में भूस्खलन की त्रासदी बहुत दुखद है। दुख की इस घड़ी में, मेरी संवेदनाएं उन लोगों के परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई। घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। बचाव कार्य जारी है और उन लोगों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं जो अभी भी फंसे हुए हैं।' मोदी ने भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की। उनके कार्यालय ने कहा कि घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। इससे पहले, ठाकुर ने राज्य विधानसभा को बताया था कि ऐसी खबरें हैं कि मलबे के नीचे 50-60 लोगों के फंसे होने की आशंका है, लेकिन सही संख्या का पता नहीं चल पाया है।


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