Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

हाई कोर्ट की चौखट तक जाने में 35 साल, यूपी में इंसाफ की 'दर्दनाक' तस्वीर आपको हिला देगी

प्रयागराज के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिनसे पता चला है कि हाई कोर्ट में 1.8 लाख से ज्यादा आपराधिक अपीलें लंबित हैं। सुप्रीम कोर्...

प्रयागराज के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिनसे पता चला है कि हाई कोर्ट में 1.8 लाख से ज्यादा आपराधिक अपीलें लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट में दिए गए डाटा के बाद ये आंकड़े सामने आए हैं। इनसे पता चला है कि हाई कोर्ट का डिस्पोजल रेट मात्र 18 फीसदी का है। इन आंकड़ों का मतलब यह है कि किसी को ट्रायल कोर्ट से सजा होती है और वह सजा के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाता है, उसे अपने मामले का फैसला करने के लिए 35 साल इंतजार करना पड़ सकता है। इसके अलावा अगर वह जघन्य अपराधों में शामिल है, जहां जमानत मिलना वैसे भी मुश्किल है, तो उसे न्याय की प्रतीक्षा में कई वर्षों तक जेल में रहना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट कर रही सुनवाई पीठ उन हजारों दोषियों को छुड़ाने के तरीकों की जांच कर रही है, जो अपनी अपील पर सुनवाई का इंतजार कर रहे यूपी की विभिन्न जेलों में बंद हैं। राज्य सरकार के हलफनामे के अनुसार, वर्तमान में इलाहाबाद HC में 1990 के दशक की अपीलों की सुनवाई की जा रही है और उसके बाद दायर अपीलों पर सुनवाई की जा रही है। 2019 में निपटाई गई थीं 5,231 अपीलें आंकड़ों के अनुसार, मामलों के निपटान के मामले में सबसे अच्छा साल 2019 था। हाई कोर्ट ने तब रिकॉर्ड 5,231 आपराधिक अपीलों पर फैसला किया। इन आंकड़ों के आधार पर हाई कोर्ट को 1.8 लाख से अधिक मामलों को निपटाने में लगभग 35 साल लगेंगे और वह भी तब जब भविष्य में दायर की गई कोई नई अपील पर विचार नहीं किया जाएगा। 1990 की अपीलें भी पेडिंग इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह चौंकाने वाला डाटा जस्टिस संजय किशन कौल और हृषिकेश रॉय की बेंच के सामने रखा गया। आंकड़ों से पता चला कि कई अपीलें 1990 की भी पेडिंग हैं जिन पर फाइनल हियरिंग होनी है। बीते पांच वर्षों में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 16,279 आपराधिक अपीलों पर सुनवाई की तो इस दौरान 41,151 नई अपीलें दायर हुईं। आधी सजा काट लेने वालों को मिल सकती है जमानत यूपी की विभिन्न जेलों में बंद 7,214 दोषी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी दस साल की सजा पूरी भी कर ली। कई मामलों में लोग 14 वर्षों से जेल में बंद हैं और जमानत मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अपर महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि अगर किसी दोषी ने अपनी आधी सजा काट ली है तो उसे जमानत दी जा सकती है। हालांकि आदतन अपराधियों पर यह लागू नहीं होता, क्योंकि वह जेल से बाहर आकर फिर से अपराध को अंजाम दे सकते हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में अभी न्यायाधीशों के 160 पद स्वीकृत हैं जबकि 93 न्यायाधीश कार्यरत हैं।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/2UJ2n0H
https://ift.tt/3sIfnAa

No comments