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पंजाब चुनाव से पहले 'जिंदा' हुआ जलियांवाला बाग, कैप्टन के बोल राहुल से क्यों जुदा? समझिए गेम

चंडीगढ़ पंजाब में बीते कई दिनों से कांग्रेस संगठन में जारी मतभेदों के बीच ने एक बड़ा दांव चल दिया है। जलियांवाला बाग के नवीनीकरण के मसले ...

चंडीगढ़ पंजाब में बीते कई दिनों से कांग्रेस संगठन में जारी मतभेदों के बीच ने एक बड़ा दांव चल दिया है। जलियांवाला बाग के नवीनीकरण के मसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विरोध करने पर कैप्टन ने जिस तरह पीएम मोदी का पक्ष लिया, उसे पंजाब के राजनीतिक संकट से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि कैप्टन ने परोक्ष रूप से राहुल गांधी का विरोध इस कारण किया है, क्योंकि राहुल ने पार्टी संकट के बीच कैप्टन के विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू की तरफदारी कर उन्हें पंजाब कांग्रेस का चीफ बनाया था। दरअसल, कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के चीफ नवजोत सिंह सिद्धू के बीच एक लंबे समय से सियासी अदावत रही है। सिद्धू और कैप्टन दोनों की राजनीतिक कर्मभूमि अमृतसर रही है और दोनों नेता यहां पर एक दूसरे के विरोधी के रूप में सियासत करते रहे हैं। अब बीजेपी को छोड़कर सिद्धू कांग्रेस में आ गए हैं और उन्हें पार्टी ने पंजाब कांग्रेस का चीफ भी बना दिया है। पढ़ें: नेतृत्व पर दबाव बनाने की कोशिश ये बात साफ तौर जाहिर रही है कि कैप्टन सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान देने के पक्ष में नहीं थे। लेकिन उनकी खिलाफत के बाद भी राहुल गांधी के ही हस्तक्षेप पर सिद्धू को अध्यक्ष बनाया गया। ऐसे में यह माना जा रहा है कि कैप्टन ने मोदी का पक्ष लेकर अब नेतृत्व पर दबाव बनाने की कोशिश की है। सिद्धू हाल के दिनों में भी कैप्टन के खिलाफ खुलकर बयान देते दिख रहे हैं। इसके अलावा दोनों नेता अपने गुटों के लोगों के साथ शक्ति प्रदर्शन भी करते दिखे हैं।ऐसे में कैप्टन के बयान ने नेतृत्व को एक बागी संकेत तो दे ही दिया है। पढ़ें: सिद्धू की खिलाफत पर नहीं होते ऐक्शन? सिद्धू ने यह भी कहा है कि सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए। इन सब के बावजूद सिद्धू पर कोई ऐक्शन ना होने के पीछे राहुल का एक बड़ा रोल देखा जा रहा है। सियासी जानकार कहते हैं कि कैप्टन ने इसी में मोदी का पक्ष लेकर नेतृत्व पर एक प्रेशर बिल्डिंग की कोशिश की है। ये माना जा रहा है कि सिद्धू पंजाब में होने वाले चुनाव से पहले टिकटों के बंटवारे को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से फ्री हैंड चाहते हैं। हालांकि अमरिंदर इसमें अपना दखल भी मांग रहे हैं। ऐसे में कैप्टन का मोदी के पक्ष में आना ये बता रहा है कि पंजाब कांग्रेस में सब एकदम ठीक तो नहीं है। खुद इसकी तस्दीक मनीष तिवारी जैसे नेता कर चुके हैं, जिन्होंने सिदधू की चुनौतियों का एक वीडियो ट्वीट करते लिखा था, 'वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती' पढ़ें: राहुल ने पूछा सवाल, लेकिन कैप्टन ने दी क्लीन चिट इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जलियांवाला बाग के रेनोवेशन के मुद्दे पर राहुल गांधी के ट्वीट करने पर मोदी सरकार का पक्ष लिया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'जलियांवाला बाग के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है, जो शहादत का मतलब नहीं जानता। मैं एक शहीद का बेटा हूं। शहीदों का अपमान किसी कीमत पर सहन नहीं करूंगा। हम इस अभद्र क्रूरता के खिलाफ हैं।' हालांकि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले पर केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा कि मैं उद्धाटन कार्यक्रम में था और मेरे हिसाब से जलियांवाला बाग रेनोवेशन बहुत बढ़िया है।


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