लखनऊ विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए बड़ा फैसला लिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर असंगठि...

लखनऊ विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए बड़ा फैसला लिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके अनुसार, पंजीकृत श्रमिकों और उनके परिवारीजनों को 5 लाख रुपये तक का इलाज कैशलेस दिया जाएगा। इस योजना के अनुसार, दुर्घटना में मृत्यु या दिव्यांगता होने पर परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस सिलसिले में शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव श्रम की ओर से शासनादेश जारी किया गया। कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की योजना यूपी सरकार के ऑफिशल हैंडल से लिखा गया, 'सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में 'मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना' लागू करने का निर्णय लिया गया है।' -योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत कामगारों एवं उनके परिवारजनों को 5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराना है। साथ ही, असंगठित कामगारों को वित्तीय स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना है। कौन होंगे इलाज के पात्र? -योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में पंजीकृत/नवीनीकृत सभी कामगार और उनके परिजन, जिनका विवरण पंजीकरण के समय प्रस्तुत किया गया है, इलाज के पात्र होंगे। यूपी में कितने कामगार? -'मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना' के अंतर्गत स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेन्सिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) द्वारा अधिकृत सरकारी और निजी अस्पतालों में प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक प्रतिवर्ष इलाज की सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाएगी। वर्तमान में यूपी में असंगठित क्षेत्र के कामगारों की संख्या लगभग 4.5 करोड़ है।
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