साहिल अहिरवार ने केबीसी में एक करोड़ रुपये जीतकर छतरपुर जिले का मान बढ़ाया है। किराए के एक कमरे में साहिल का पूरा परिवार छतरपुर के लवकुश नगर...
छतरपुर के साहिल अहिरवार केबीसी के इस सीजन में दूसरे करोड़पति बने हैं। सात करोड़ के सवाल पर फंसने के बाद उन्होंने गेम से क्विट कर लिया है। साहिल अभी सागर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रहे हैं। आगे कलेक्टर बनने का सपना है।
साहिल अहिरवार ने केबीसी में एक करोड़ रुपये जीतकर छतरपुर जिले का मान बढ़ाया है। किराए के एक कमरे में साहिल का पूरा परिवार छतरपुर के लवकुश नगर में रहता है। पिता नोएडा की कंपनी में गार्ड की नौकरी करते हैं। साहिल सागर में रहकर डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से हिस्ट्री में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं। अभी उम्र 19 साल है। एक करोड़ रुपये जीतकर साहिल ने पूरे परिवार का नाम रोशन किया है।
एक कमरे में किराए पर रहता है परिवार
साहिल के परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है, पूरा परिवार अच्छे से रह भी सके। मजबूरी में बच्चों की पढ़ाई के लिए मां लवकुश नगर में एक किराए का कमरा लेकर रहती है। इसी कमरे में कभी साहिल भी रहते थे। सागर जाने के बाद साहिल यहां छुट्टियों में ही आते हैं। केबीसी सीजन 13 में एक करोड़ जीतने के बाद पूरे जिले में इस कमरे की चर्चा है। शहर के लोग परिवार को बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, साहिल का परिवार चमक दमक से पूरी तरह दूर है।
हम लाइफ में सोच नहीं सकते थे
बेटे की उपलब्धि पर साहिल के पिता बाबू लाल अहिरवार ने कहा कि हमें बहुत ज्यादा खुशी है। हम लाइफ में कभी सोचे नहीं थे कि मेरा बेटा इतना नाम करेगा। उसने पढ़ाई में खूब मेहनत की है। पूरे देश में उसने नाम रौशन किया है। एमपी का पहला लड़का है, वह जिसने एक करोड़ रुपये जीता है। पिता ने कहा कि हमने उसे गेम खेलते हुए देखा है।
साहिल की मां हाउस वाइफ
पिता नोएडा स्थित कंपनी में 15 हजार रुपये की नौकरी करते हैं। बचत के पैसे से लवकुश नगर स्थित घर का खर्चा चलता है। उसी पैसे से साहिल और उसके छोटे भाई की पढ़ाई का खर्चा निकलता है। साहिल की मां सरोज हाउस वाइफ हैं, जो अपने बेटे को लेकर एक कमरे के घर में रहती हैं। जानकारी के अनुसार साहिल की मां की तबीयत पिछले कई दिनों से खराब चल रही है। उनकी किडनी का ऑपरेशन हुआ है, परिवार की माली हालत ठीक नहीं है।
कलेक्टर बनना चाहता है साहिल
साहिल के पिता बताते हैं कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। बेटे की प्रारंभिक शिक्षा लवकुश नगर में ही हुई। उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए साहिल सागर चला गया, साहिल पढ़कर कलेक्टर बनना चाहता है। वह यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। साहिल वर्तमान में बीए सेकंड इयर का छात्र है और उसकी उम्र 19 साल है। बचपन से ही साहिल पढ़ने लिखने में तेज था। यही वजह थी कि माता-पिता ने साहिल की पढ़ाई के लिए किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती।
एक कार भी मिला गिफ्ट
साहिल अहिरवार 15 प्रश्नों के जवाब देकर एक करोड़ रुपये जीते हैं। वहीं, हुंडई की ओर से उन्हें एक i20 कार भी गिफ्ट की जाएगी। इस उपलब्धि के बाद छतरपुर सहित पूरे बुंदेलखंड में खुशी की लहर है। बेटे की सफलता पर मां बहुत खुश हैं। वह कह रही हैं कि बेटे ने सपना साकार कर दिया है। साहिल अभी छतरपुर में नहीं है। कहा जा रहा है कि लौटने के बाद शहर में भव्य स्वागत किया जाएगा।
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