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देश में चौथे नंबर का सबसे साफ शहर नोएडा, 1 साल में कैसे 25वें नंबर से लगाई छलांग?

नोएडा स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के परिणाम घोषित हो गए हैं और इनमें नोएडा के नाम कई उपलब्धियां रही हैं। रैंकिंग में शहर ने नया रेकॉर्ड बनाया औ...

नोएडा स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के परिणाम घोषित हो गए हैं और इनमें नोएडा के नाम कई उपलब्धियां रही हैं। रैंकिंग में शहर ने नया रेकॉर्ड बनाया और 1 से 10 लाख जनसंख्या की श्रेणी में देश में ओवरऑल चौथे नंबर पर पहुंच गया है। पिछले वर्ष शहर की 25वीं रैंक थी। वहीं 3 से 10 लाख आबादी की श्रेणी में नोएडा देश के सबसे साफ शहरों में नंबर-1 रहा। नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी व अधिकारियों को उपलब्धियों के यह अवॉर्ड विज्ञान भवन में राष्ट्रपति की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में दिए गए। इसके बाद शहर में पहुंची अथॉरिटी की टीम ने सेक्टर 16 ए में सर्वेक्षण की उपल्बधियों को साझा किया। ऐसे नोएडा में हुआ काम रैंकिंग में ओवरऑल चौथे नंबर की उपलब्धि शहर के खाते में आसानी से नहीं आई। इसके पीछे नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों की तैयारी, शहर के निवासियों की जागरूकता और स्वच्छता कर्मियों की दिन-रात की मेहनत है। आइए हम आपको बताते हैं कि कैसे नोएडा ने सफाई की इस पिच में यह चौका लगाया। प्रयोग करके जागरूकता लाकर शानदार ओपनिंगस्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत पब्लिक फीडबैक से हुई। पब्लिक फीडबैक करीब 1600 नंबर का था। इसके लिए अथॉरिटी ने कुछ प्रयोग किए। जागरूकता के लिए ट्रांसजेंडर को जोड़ा। छात्रों को इंटर्नशिप में शामिल कर स्वच्छता दूत बनाए। नंबर-1 नोएडा बनाने के लिए इस टीम ने घर-घर जाकर लोगों को सर्वेक्षण में आने वाले संभावित सवाल पूछे और जानकारी दी। आगे जब सर्वेक्षण हुआ तो उसमें यह तैयारी काम आई। लोगों ने बढ़चढ़कर अपना फीडबैक दिया। 2020 में शहर से करीब 3 लाख लोगों ने फीडबैक दिया था। 1600 में करीब 1400 नंबर शहर को फीडबैक में हासिल हुए थे। इस बार 5 लाख 30 हजार नागरिकों ने फीडबैक दिया। सीएंडडी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट से की मलबे की फील्डिंगशहर में चारों तरफ बिखरे रहने वाले निर्माण व ध्वस्तीकरण मलबे के निस्तारण की तैयारी अथॉरिटी ने 2020 में ही की थी। नोएडा अथॉरिटी की तरफ से शहर के मलबा निस्तारण को सेक्टर 80 में 81 करोड़ से स्थापित यह प्लांट 5 अक्टूबर 2020 को चालू हुआ। यह प्लांट यूपी का पहला है। अभी तक एनसीआर के भी किसी शहर में ऐसी व्यवस्था नहीं है। इसे नो-प्रॉफिट एंड नो-लॉस आधार पर एक एजेंसी से लगवाया है। सर्वेक्षण में सीएंडडी वेस्ट प्रोसेसिंग के 600 नंबर थे। यहां पर इस प्लांट ने यह नंबर बटोरे। कचरे को भी किया बाउंड्री लाइन से बाहरनोएडा के सामने सेक्टर 145 में लगे गीले-सूखे कूड़े का पहाड़ की चुनौती थी। यह कचरा निस्तारित होता है तो ही टॉप-5 में रहने की उम्मीद थी। नोएडा अथॉरिटी ने कोशिशें जारी रखी। दो और बायोरेमिडेशन प्लांट लगवाए। पिछले डेढ़ साल में अथॉरिटी ने यहां 3.85 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण करवाया। कूड़े और वेस्ट की प्रोसेसिंग के सर्वेक्षण में 2400 नंबर थे। ऐसे कूड़े के निस्तारण ने भी नंबरों को बढ़ाया। इंदौर व भोपाल से सीखकर कूड़े छंटनी का वीक पॉइंट सुधारास्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में शहर में गीले-सूखे कूड़े की छटनी और निस्तारण में कमजोर था। इस कमी को नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ने देखकर जन स्वास्थ्य विभाग के सीनियर मैनेजर विजय रावल और गौरव बसंल को सफाई में देश के नंबर-1 शहर इंदौर और भोपाल भेजा। दोनों ने वहां रहकर कूड़े की छटनी का मॉडल कई दिनों तक देखा। इसके बाद शहर में उसे लागू किया। गीले कूड़े के घरों में कंपोस्टिंग से निस्तारण को लोगों को जागरूक किया। इससे शहर की कूड़ा छटनी 90% के पार पहुंची। वॉटर प्लस की तैयारियों ने बाउंसर में भी बरकरार रखा स्ट्राइक रेटकोरोना संक्रमण आने से लगा लॉकडाउन एक तरह से नोएडा अथॉरिटी की तैयारियों के लिए एक बाउंसर था। इस दौरान वॉटर प्लस श्रेणी में नोएडा अथॉरिटी ने कोशिशें जारी रखी। शहर के सेक्टर 50, 54, 123, व 168 के एसटीपी से निकलने वाले 190 एमएलडी ट्रीटेड वॉटर का फिर से शहर में उपयोग शुरू करवाया। यह पानी निर्माण से लेकर कार वॉशिंग, पौधों की सिंचाई, फायर ब्रिग्रेड सहित अन्य जगहों पर काम में आया। यह श्रेणी 700 अंक के लिए थी। इसने नोएडा का स्कोर सर्वेक्षण में मुश्किल समय में भी बढ़ाए रखा। इससे नोएडा को ओडीएफ ++ सर्टिफिकेट फिर हासिल हुआ। देश के 10 शहर ऐसे थे जो ओडीएफ ++ को इस बार बरकरार नहीं रख पाए। 'नेट प्रैक्टिस' का लाभ मैदान पर मिलाअथॉरिटी की टीम ने छोटे-छोटे काम नेट प्रैक्टिस की तरह किए। शहर के सभी सेक्टर और सोसायटी में नोएडा सर्वेक्षण करवाकर रैंकिंग दी गई। इससे सभी सेक्टर व सोसायटियों ने बढ़चढ़कर तैयारी की। होम कंपोस्टिंग सेक्टरों व सोसायटियों में बढ़ी। पार्कों से निकलने वाला कचरे से कंपोस्ट बनाने की शुरुआत अथॉरिटी ने करवाई। मिकैनिकल स्वीपिंग चल रही है। विलोपित कूड़ा घरों की संख्या, यूरिनल और टॉइलट भी बढ़ाए गए। गारबेज फ्री सिटी में फाइव स्टार: गारबेज फ्री सिटी श्रेणी में नोएडा देश के उन 9 शहरों में शामिल है जिनको फाइव स्टार रैंकिंग का सर्टिफिकेट मिला है। हालांकि अभी 7 स्टार रैंकिंग हासिल करना बाकी है। पिछले वर्ष इसमें शहर के सिर्फ थ्री स्टार थे। नोएडा की रैंकिंग ऐसे सुधरी - 2018 में 327 -2019 में 150 - 2020 में देश में 25 और यूपी में नंबर-1 - 2021 में देश में चौथे नंबर पर, यूपी में नंबर-1


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