Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

जिंदगी की तलाश में HIV के कितने पास आ गए, पता भी नहीं चला, दिल कांपा देगी नालंदा की कहानी

प्रणय राज,नालंदा बिहार के नालंदा जिले में सदर अस्पताल समेत जिला स्वास्थ्य महकमा लापरवाही के कारण अक्सर सुर्खियों में रहता है। इस बार यहां...

प्रणय राज,नालंदा बिहार के नालंदा जिले में सदर अस्पताल समेत जिला स्वास्थ्य महकमा लापरवाही के कारण अक्सर सुर्खियों में रहता है। इस बार यहां कर्मी ने प्रसूता को एचआईवी पॉजिटिव खून चढ़ा दिया। इसका खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची हुई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुजीत कुमार अकेला ने ब्लड बैंक टेक्नीशियन से शोकॉज पूछा है। साथ ही मामले की उच्चस्तरीय जांच की भी अनुशंसा की है। दिलचस्प बात यह कि ब्लड बैंक में एचआईवी पॉजिटिव ब्लड कैसे स्टोर किया गया। जबकि, किसी से भी खून लेकर स्टोर करने के पहले एचआईवी पॉजिटिव की जांच जरूरी है। आखिर, ब्लड को स्टोर करते वक्त जांच में एचआईवी निगेटिव कैसे आया। अब उस महिला का क्या होगा, जिसे एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया गया। उस महिला के कारण उसके पति व अन्य को भी एचआईवी पॉजिटिव होने का खतरा बढ़ गया है। यह है पूरा मामलातीन नवंबर को एचआईवी पॉजिटिव महिला प्रसव के लिए सदर अस्पताल आई थी। प्रसव के दौरान उसे एक यूनिट ब्लड की जरूरत हुई। ऐसे में उस महिला के पति ने ब्लड बैंक में अपना खून दिया, महिला का पति एचआईवी पॉजिटिव था। उस खून की जांच करके ब्लड बैंक में रख दिया गया और उसके बदले दूसरा ब्लड प्रसूता को चढ़ाया गया। उसके एक हफ्ते बाद दूसरी महिला को प्रसव के दौरान ब्लड की जरूरत पड़ने पर एचआईवी पॉजिटिव खून चढ़ा दिया गया। ऐसे हुआ मामले का खुलासा दो दिन पहले एचआईवी संक्रमित महिला एड्स की दवा लेने सदर अस्पताल पहुंची। दवा देने के दौरान काउंसलर ने महिला के तमाम कागजात की छानबीन के दौरान पाया कि उसे तीन नवंबर को प्रसव हुआ था। उस वक्त उसके पति ने अपना ब्लड देकर दूसरा खून अपनी पत्नी को चढ़वाया था। काउंसलर का माथा ठनका और उसके पति के दिए हुए ब्लड की छानबीन की गई तो पता चला कि वो ब्लड किसी अन्य प्रसूता को चढ़ाया जा चुका है। ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. रामकुमार ने बताया कि इस संबंध में लैब टेक्निशियन संतोष कुमार से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है। प्रथमदृष्ट्या उनकी ओर से जांच में लापरवाही बरती गयी है। साथ ही, महिला के पति ने भी पॉजिटिव होने की बात जान-बुझकर छुपायी। डीएस डॉ. सुजीत कुमार अकेला ने बताया कि इस तरह से रोगियों की जान से खिलवाड़ करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होने पर दोषियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। खतरा बरकरारइस तरह की लापरवाही को स्वास्थ्य महकमा हल्के में नहीं ले सकता है। हर माह इस ब्लड बैंक से ढाई से तीन सौ यूनिट ब्लड लोग ले जाते हैं। ऐसे में अन्य जांच पर भी शंका होना लाजिमी है। कर्मियों को हर स्तर पर सतर्क व सटीक जांच करनी होगी। एक गलत जांच से रोगी की जान भी जा सकती है।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3xEgyDn
https://ift.tt/3p5Q6hO

No comments