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कम हो रहा कोरोना का खतरा, फिर गिरी 'आर वैल्यू'...IIT मद्रास का राहत भरा दावा

चेन्नै भारत में पिछले 15 दिनों में कोरोनावायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। देश में शनिवार को कोरोना के 2.71 लाख नए मा...

चेन्नै भारत में पिछले 15 दिनों में कोरोनावायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। देश में शनिवार को कोरोना के 2.71 लाख नए मामले सामने आए। यह एक दिन पहले मिले नए मामलों से महज तीन हजार ही ज्यादा रहे। ऐसे में ज्यादातर विश्लेषक मान रहे हैं कि भारत में कोरोना की पीक जल्द ही आ सकती है। इस बीच आईआईटी मद्रास के विश्लेषण ने एक और राहतभरी खबर दी है। इसके मुताबिक, दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 के दो हफ्तों में देश में 'आर वैल्यू' के लगातार बढ़ने के बाद पिछले हफ्ते यानी 7 से 13 जनवरी को पहली बार इसमें गिरावट दर्ज की गई। फिलहाल देश में औसत आर वैल्यू 2.2 पर ठहर गई है। क्या है आर वैल्यू आसान वैज्ञानिक भाषा में समझें तो आर वैल्यू किसी संक्रमित के जरिये दूसरों को संक्रमित करने की क्षमता का आंकड़ा है। यानी अगर किसी कोरोना संक्रमित की आर वैल्यू एक है, तो उसकी ओर से किसी एक व्यक्ति को संक्रमित करने का खतरा है। उधर, अगर किसी की आर वैल्यू तीन है, तो वह तीन लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकता है। आमतौर पर कोरोना के बड़े स्तर पर फैलने के दौरान इंसानों की आर वैल्यू ज्यादा होती है और लगातार बढ़ते इस आंकड़े को रोकने के लिए सरकारें प्रतिबंधों- कर्फ्यू या लॉकडाउन जैसे कदम उठाती हैं। क्या कहना है आईआईटी काआईआईटी के डिपार्टमेंट ऑफ मैथमैटिक्स ऐंड सेंटर फॉर एक्सिलेंस फॉर कम्प्यूटेशन मैथमैटिक्स ऐंड डेटा साइंस के प्रोफेसर नीलेशन एस उपाध्याय और प्रोफेसर एस सुंदर के विश्लेषण में भारत के चार मेट्रो शहरों के आर वैल्यू के बारे में बताया गया है। इसके मुताबिक, मौजूदा समय में मुंबई में आर वैल्यू 1.3 है, जबकि दिल्ली में यह 2.5 है। उधर चेन्नै में आर वैल्यू फिलहाल 2.4 और कोलकाता में यह आंकड़ा 1.6 का है। 6 जनवरी को R वैल्यू 4 थी बताया गया है कि 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक पूरे भारत में आर वैल्यू 2.9 तक पहुंच गई थी, जबकि एक जनवरी से छह जनवरी तक यह आंकड़ा चार तक पहुंच गया था। यानी इस दौरान कोई एक पीड़ित औसत तौर पर अपने साथ चार और को कोरोना संक्रमित कर सकता था। विशेषज्ञों के मुताबिक, हर एक नमूने की जीनोम सीक्वेंसिंग करना संभव नहीं है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि वायरस की यह लहर मुख्यत: ओमिक्रोन के कारण ही है।


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