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Punjab Opinion poll: पंजाब में बहुमत से कुछ दूर अटक जाएगी AAP? क्या करेंगे केजरीवाल?

चंडीगढ़ पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले हुए ओपिनियन पोल में इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) सबसे बड़ा दल बनता दिख रहा है। हालांकि बहुमत के बहुत क...

चंडीगढ़पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले हुए ओपिनियन पोल में इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) सबसे बड़ा दल बनता दिख रहा है। हालांकि बहुमत के बहुत करीब होने के बावजूद पार्टी को सरकार बनाने में जद्दोजहद करनी पड़ सकती है। ओपिनियन पोल के नतीजे देखें तो पंजाब में इस बार त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति हो सकती है। पंजाब में AAP ने इस बार सत्ता में आने के लिए पूरी मशीनरी लगा रखी है। राज्य में पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार दौरे कर रहे हैं। अपने दौरों में वह जनता के लिए बड़े-बड़े चुनावी वादे भी कर रहे हैं। ऐसे में अगर ओपिनियन पोल के रिजल्ट सही साबित हुए तो केजरीवाल क्या करेंगे? आगे पढ़िए इस पर एक रिपोर्ट- ओपिनियन पोल के नतीजे टाइम्स नाउ नवभारत के ओपिनियन पोल के मुताबिक, पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) अन्य दलों पर भारी नजर आ रही है। सर्वे के मुताबिक 117 विधानसभा सीटों में से आप को 53 से 57 सीटें हासिल होती दिख रही हैं। यह बहुमत की संख्या 58 के काफी करीब है लेकिन पूर्ण बहुमत नहीं है। कांग्रेस को 41 से 45 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं अकाली दल के तीसरे नंबर पर रहने की संभावना है। शिरोमणि अकाली दल और बीएसपी गठबंधन को 14 से 17 सीट आने का अनुमान है। वहीं, भाजपा गठबंधन को एक से तीन सीटों पर और अन्य दलों को एक से तीन सीटों पर जीत मिलती दिख रही है। पंजाब में सक्रिय है आम आदमी पार्टी पंजाब में सरकार बनाने के लिए आप काफी समय से रास्ता देख रही है। 2017 के चुनाव में भी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था और 20 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन सरकार बनाने का सपना अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने चकनाचूर कर दिया था। इस बार चुनाव से काफी पहले से ही पार्टी ने राज्य में सक्रियता बढ़ा दी थी। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल राज्य में घूम-घूमकर दौरे कर रहे हैं और मुफ्त बिजली समेत कई बड़े वादे किए। पंजाब में ऐंटी इंकंबेंसी का फायदा AAP को? दूसरी ओर सत्तारूढ़ कांग्रेस में अंदरूनी कलह और पंजाब में ड्रग्स-आतंक जैसी समस्याओं से ऐंटी इंकंबेंसी का सीधा फायदा भी आम आदमी पार्टी को मिल रहा है। हालांकि ओपिनियन पोल में स्पष्ट बहुमत न मिलने से आप की चिंता बढ़ सकती है और पार्टी दूसरे विकल्पों की ओर देख सकती है। सवाल है कि क्या आम आदमी पार्टी पंजाब में गठबंधन करेगी? सियासी जानकारों की मानें तो पंजाब में कुछ ही समय में चुनाव का ऐलान हो सकता है। इस वजह से कोई भी राजनीतिक दल चाहे वह आम आदमी पार्टी हो, बीजेपी या फिर कांग्रेस पार्टी हो, गठबंधन करने से कतराएगी। चुनाव से ठीक पहले गठबंधन से परहेज! राज्य में अकाली-बीएसपी और बीजेपी-अमरिंदर सिंह का गठबंधन पहले से ही है। कांग्रेस और आप के गठबंधन होने के आसार बहुत ही कम हैं। पंजाब में कांग्रेस 5 साल से सत्ता में है और AAP मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में है। ऐसे में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दोनों गठबंधन करने से परहेज करेंगे। इसके अलावा बीजेपी के साथ AAP किसी भी सूरत में गठबंधन नहीं कर सकती है क्योंकि इससे उसकी छवि पर गहरा असर पड़ सकता है। वहीं चुनाव सिर पर हैं तो बीजेपी भी रिस्क लेने से पहले सोचेगी। किसान संगठन से हाथ मिलाएंगे केजरीवाल? इस बीच किसान आंदोलन में शामिल 32 में से 22 संगठनों ने एक साथ मिलकर राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया है। पंजाब पॉलिटिकल लीग में एक और पार्टी संयुक्त समाज मोर्चा (SSM) सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पंजाब का चुनाव बहुकोणीय हो गया है। चर्चा है कि सत्तासीन होने का सपना संजोये आम आदमी पार्टी बलवीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व वाले संयुक्त समाज मोर्चे से गठबंधन की कोशिश कर सकती है। पिछले दिनों राजेवाल के पंजाब में AAP के सीएम उम्मीदवार होने की भी अटकलें लग रही थीं। 2017 में पार्टी को किसानों का ठीक-ठाक वोट मिला था।


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