Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

बर्फबारी के बीच सामान लादकर 40 किमी तक पैदल चले, जंगल में सोये... अपने देश लौटकर छात्रों ने सुनाई आपबीती

सिलिगुड़ी: 'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस देश लाया जा रहा है। दार्जिलिंग के दो एमबीबीएस स्टूडेंट्स ...

सिलिगुड़ी: 'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस देश लाया जा रहा है। दार्जिलिंग के दो एमबीबीएस स्टूडेंट्स केलसांग ग्यात्सो भूटिया और आलोक मिश्रा भी अपने वतन लौटकर राहत महसूस कर रहे हैं। दोनों युद्धग्रस्त देश में बिताए उन पलों को याद कर सिहर उठते हैं। केलसांग और आलोक यूक्रेन के लीव शहर स्थित नैशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। दोनों ने बताया कि कैसे माइनस डिग्री तापमान में उन्होंने पैदल चलते हुए 40 किमी का सफर तय किया। बर्फीले तूफान का सामना करते हुए जंगल में भी रातें गुजारनी पड़ी। 6 घंटे के युद्धविराम के दौरान लोग जैसे ही पोलैंड की सीमा की ओर बढ़े, यूक्रेनी सैनिक उनकी मदद के लिए आगे आए। केलसांग और आलोक को रेस्क्यू कर भारत भेजा गया। दोनों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को अपनी आपबीती सुनाई- -जैसे ही युद्ध छिड़ा हमें बताया गया कि लीव बॉर्डर के नजदीक का इलाका है इसलिए हम सुरक्षित है। इस वजह से दूतावास देश के पूर्वी हिस्सों से छात्रों के रेस्क्यू में जुट गया था। लेकिन एक-दो दिन में ही हमें महसूस हो गया कि यूक्रेन में अब कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है। 25 फरवरी को हमने लीव से टैक्सी ली जिसने हमें बीच रास्ते ही छोड़ दिया। ड्राइवर ने कहा कि बॉर्डर कुछ ही किमी दूर है और पैदल जाया जा सकता है। जल्द ही हमें मालूम हुआ कि हम पोलैंड बॉर्डर से 40 किमी दूर हैं और हमारे पास कोई साधन उपलब्ध नहीं है। कंपकंपाती ठंड और बर्फबारी के बीच हम अपना सामान ढोते हुए पैदल चलते रहे। हमें जंगल में रातें गुजारनी पड़ी। आस-पास से आ रही गोले बारूद और धमाकों की आवाजें डरा रही थी। यहां तक कि बॉर्डर पर पहुंचने के बाद भी हमें इतनी भयंकर ठंड में दो दिन इंतजार करना पड़ा और फिर जाकर बॉर्डर पार करने की इजाजत मिली। वहां से भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने हमें हमारे देश पहुंचाया। जब हम पोलैंड में प्रवेश कर रहे थे, हमने सुना कि एक भारतीय छात्र बमबारी में मारा गया। हम बॉर्डर क्रॉस करके राहत जरूर महसूस कर रहे थे लेकिन जो लोग वहां अभी भी फंसे हैं उनके लिए चिंता हो रही है। हम बुधवार को विमान में बैठे और दिल्ली पहुंच गए। (जैसा दोनों छात्रों ने टीओआई संवाददाता रोशन गुप्ता को बताया)


from Local News, लोकल न्यूज, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, state news in hindi, राज्य समाचार , Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/6BPyKMS
https://ift.tt/ZyVXhFD

No comments