Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

नवीन का पार्थिव देह भारत लाने पर बोले बीजेपी MLA, 'इतने में 10-12 लोगों को लाया जा सकता है'

बेंगलुरु: यूक्रेन में गोलाबारी के दौरान जान गंवाने वाले भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा का शव अभी तक वापस नहीं लाया जा सका है। इस बीच कर्नाटक ...

बेंगलुरु: यूक्रेन में गोलाबारी के दौरान जान गंवाने वाले भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा का शव अभी तक वापस नहीं लाया जा सका है। इस बीच कर्नाटक में का बेतुका बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि नवीन का शव विमान में जितनी जगह घेरेगा, उतने में 10-12 लोगों को वहां से लाया जा सकता है। हुबली धारवाड़ पश्चिम से विधायक ने कहा कि भारत सरकार के साथ-साथ कर्नाटक सरकार यूक्रेन के खारकीव से नवीन के पार्थिव देह को लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। बीजेपी विधायक ने जोर देकर कहा कि जिस स्थान पर शव रखा है, वह एक युद्ध क्षेत्र है और मौजूदा परिस्थितियों में शव वापस भारत लाना मुश्किल है। अरविंद बेल्लाड ने कहा, 'यह एक युद्ध क्षेत्र है। आप सभी चैनलों के माध्यम से जमीनी हालात को टेलीविजन पर देख रहे हैं। पार्थिव शरीर को उड़ान सेवाएं शुरू होने के बाद लाया जाएगा।' 'जब जीवित लोगों को लाना मुश्किल हो रहा है...'अरविंद बेल्लाड ने कहा, 'ऐसी स्थिति में जब जीवित लोगों को लाना मुश्किल साबित हो रहा है तब शव लाना और भी मुश्किल होगा क्योंकि यह अधिक जगह घेरेगा। इनती जगह में 10 से 12 लोगों को लाया जा सकता है।' सत्तारूढ़ दल के विधायक ने यह भी कहा कि छात्र भारत में मोटी फीस के कारण विदेश में मेडिकल डिग्री प्राप्त करने के अपने सपने को साकर करने के लिए पलायन करते हैं। नवीन के पैरंट्स ने लगाई केंद्र सरकार से गुहार कर्नाटक के हावेरी जिले के चालगेरी के रहने वाले 22 वर्षीय नवीन खारकीव में अन्य लोगों के साथ एक बंकर में थे। वह एक मार्च को खाने-पीने का सामान लेने और मुद्रा बदलवाने के लिए बंकर से बाहर निकले थे और गोलाबारी की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई थी। उनका पार्थिव शरीर खारकीव के शवगृह में रखा है। उनके माता-पिता ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि अंतिम संस्कार के लिए उनके बेटे की पार्थिव देह स्वदेश वापस लाया जाए। खारकीव से 20 किमी दूर एक स्कूल में शेल्टर इस बीच चालगेरी के वेंकटेश वैश्यार ने कहा कि उनका 23 वर्षीय बेटा और 24 वर्षीय भतीजा सुमन यूक्रेन में हैं और उन्हें खारकीव से करीब 20 किलोमीटर दूर एक स्कूल में रखा गया है जहां तकरीबन 1700 अन्य भारतीय हैं। उन्होंने कहा कि अमित और सुमन सुरक्षित क्षेत्र में जाने के लिए ट्रेन में नहीं चढ़ सके, क्योंकि यूक्रेन के अधिकारियों ने महिलाओं और अपने देश के नागरिकों को प्राथमिकता दी।


from Local News, लोकल न्यूज, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, state news in hindi, राज्य समाचार , Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/j0o3YKI
https://ift.tt/RSlTQ2q

No comments